मानसिक शांति और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए ध्यान को अपनाने का लिया संकल्प

विश्व मैडिटेशन दिवस पर ब्रह्माकुमारीज वैशाली नगर में हुआ भव्य आयोजन 

500 से अधिक लोगों ने साधा ध्यान...

आगाज केसरी 

जयपुर। ब्रह्माकुमारीज के वैशाली नगर स्थित प्रभुनिधि सभागार में प्रथम विश्व मैडिटेशन दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व ब्रह्माकुमारीज सबजोन प्रभारी राजयोगिनी सुषमा दीदी ने किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ध्यान (मैडिटेशन) के महत्व को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना हैं।

रमा चोपड़ा (जिला प्रमुख, जयपुर) ने अपने संबोधन में कहा, "आज के समय में ध्यान मानव जीवन का आधार बन चुका है। यह मानसिक शांति और संतुलित जीवन का एक अनिवार्य साधन है।"

डॉ. सुदीप्ति अरोड़ा (रिसर्च साइंटिस्ट एवं सहायक निदेशक, डॉ. बी लाल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) ने अपने अनुभव साझा करते हुए ध्यान के वैज्ञानिक और व्यक्तिगत लाभों पर प्रकाश डाला।

चंद्रमोहन बटवाडा (वरिष्ठ स्वयंसेवक) ने कहा, "ध्यान मनुष्य को सही दिशा प्रदान करने का माध्यम है। यह जीवन के हर पहलू को सशक्त और सकारात्मक बनाता है।"

डॉ. राकेश नागर (आयुर्वेद डिपार्टमेंट) ने ध्यान और आयुर्वेद के समन्वय पर जोर देते हुए कहा कि दोनों मिलकर सम्पूर्ण स्वास्थ्य का आधार बन सकते हैं।

डॉ. निखिल बंसल (कंसल्टेंट, महात्मा गांधी हॉस्पिटल) ने बताया कि वर्तमान समय में चिकित्सा क्षेत्र भी ध्यान को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए प्रभावी मानता है।

कार्यक्रम के दौरान वैशाली नगर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके चन्द्रकला दीदी ने बताया कि, "यह कार्यक्रम ध्यान के प्रति जनजागृति लाने और इसे जन-जन तक पहुँचाने के लिए आयोजित किया गया है।" साथ ही जयपुर सबजोन से जुड़े हुए अनेक सेवाकेन्द्रों पर आज प्रथम विश्व मैडिटेशन दिवस को धूमधाम से मनाया गया |

इस कार्यक्रम में कर्नल शंकर शर्मा, योगी मनीष विजयवर्गीय, उद्योगपति ग्यारसी लाल यादव, उद्योगपति घासीराम अग्रवाल, नरेन्द्र सेवानी और के.सी. यादव सहित 500 से अधिक भाई-बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस आयोजन ने ध्यान को जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाने के महत्व को रेखांकित किया। प्रतिभागियों ने ध्यान का अभ्यास नियमित रूप से करने और इसे अपने जीवन में शामिल करने का संकल्प लिया।

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