गीता जयंती पर एक मिनट एक साथ गीता पाठ कि वैश्विक आवाहन में सहभागिता के साथ हुई विचार गोष्ठी

आगाज केसरी 

जयपुर। पोद्दार इंटरनेशनल कॉलेज मानसरोवर, जयपुर एवं जीओ गीता परिवार, जयपुर जिला द्वारा "कर्म की अवधारणा और युवाओं के लिए गीता की प्रासंगिकता" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, विचार गोष्ठी का शुभारंभ गोष्टी के प्रमुख वक्ता मोटिवेशनल स्पीकर योगाचार्य योगी मनीष, संस्थापक, सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन एवं अतिथियो ने किया। 

योगी मनीष ने अंतर्राष्ट्रीय गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज द्वारा "एक मिनट एक साथ गीता पाठ" के तहत गीता के प्रथम श्लोक 9वे अध्याय के22वें श्लोक एवं अंतिम 18 अध्याय के अंतिम श्लोक को महाराज जी की वाणी में प्रसारित करते हुए उसके अर्थ को विद्यार्थियों के सामने रखा, उन्होंने बताया कि विद्यार्थी के जीवन की वर्तमान समस्त समस्याओं का समाधान भागवत गीता में समाया है यह सिर्फ धार्मिक नहीं अपितु एक वैज्ञानिक ग्रंथ है उन्होंने गीता उन सूत्रों को विद्यार्थियों के समक्ष साझा किया जिससे वर्तमान कंपटीशन के कारण उत्पन्न तनाव अवसाद से मुक्त हो सदैव हंसते मुस्कुराते आनंद के साथ जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर पाए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि गोपाल शरण महाराज ने भी गीता के शोक की व्याख्या की। ई

पोद्दार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन एवं जियो गीता परिवार, जयपुर जिला संयोजक डॉ. आनंद पोद्दार ने कहा कि छात्रों को श्री मद्भगवत गीता के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

कार्यक्रम में कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर प्रवीण गोस्वामी में योगाचार्य नीरज, समाजसेवी मनीष मालू, वंदना कश्यप, मदन मोहन पालीवाल, अशोक घीया का पुष्प कुछ भेट कर स्वागत किया, संगोष्ठी में सैकड़ो विद्यार्थियों के साथ-साथ जयपुर के प्रबुद्ध जन भी सम्मिलित हुए  जिन्होंने इस विषय पर गहरी रुचि दिखाई। संगोष्ठी के अंत में NSS प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. विनोद कुमार जैन योगाचार्य योगी मनीष को स्मृति चिन्ह भेंट करने के साथ  सभी का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। यह आयोजन न केवल गीता के महत्व को समझने का एक अवसर था, बल्कि युवाओं को अपने जीवन में कर्म के सिद्धांतों को लागू करने की प्रेरणा भी प्रदान करता है।

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