गुलाबी नगरी में होगा सत साहित्य महोत्सव

दो दिवसीय 17-18 जनवरी को ”The ढूंढाड talks” जयपुर में

देश की नामचीन बड़ी हस्तियां होगीं शामिल...

आगाज केसरी
जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 17 जनवरी से ‘The ढूंढाड talks” का आयोजन होगा। दो दिन तक चलने वाले इस ‘The ढूंढाड talks” में देश की बड़ी हस्तियां शामिल होगीं।

‘The ढूंढाड talks” 17 से 18 जनवरी को सीतापुरा स्थित पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में होगा। इस भव्य आयोजन मे देशभर से दर्जनो लेखक, वक्ता और कलाकार भाग लेंगे। उद्घाटन कार्यक्रम मे 17 जनवरी को प्रातः 9:00 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख प्रदीप जोशी मुख्य वक्ता रहेंगे। 


कार्यक्रम में कुल सात सेशन होगें। प्रथम सेशन में ओर्गेनाइजर संपादक प्रफुल्ल केतकर, स्प्रिंग बोर्ड के राजवीर सर और जागरण पत्रिका के सह प्रबंधक श्यामसिंह रहेगे। द्वितीय मे केरला स्टोरी के लेखक सूर्यपाल सिंह और समाज सेवी व लेखिका दीपिका नारायण भारद्वाज शामिल होंगे। उसी दिन शाम 5 बजे रेपरिया बालम अपनी शानदार प्रस्तुतियां देंगे।

कार्यक्रम के दूसरे दिन 18 जनवरी को प्रातः 10:00 बजे चौथे सत्र में सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा और फैशन डिजाइनर रुमा देवी महिलाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। दोपहर 2 बजे प्रथम सॉफ्टवेयर के CEO पुनीत मित्तल और डायरेक्टर पुर्णिमा शशिकांत सिंघी राष्ट्रहित से जुड़े हुए विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखेंगे। कार्यक्रम के अंतिम सेशन में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी शामिल होंगे।

प्रेसवार्ता के दौरान सांगानेर महानगर संघ चालक आशीष गुप्ता,, को-फाउण्डर राहुल सिन्घी, उद्योगपति अक्षय गुप्ता, उद्योगपति अक्षय हाड़ा, भार्गव एवं लोढा स्टॉक ब्रोकर नरेश भार्गव, जेइआरसी डाइरेक्टर अमित अग्रवाल, रूंगटा हास्पिटल डायरेक्टर रासविहारी रूंगटा, डॉ अविनाश पॅवार, महात्मा गांधी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ .बुद्धि प्रकाश के द्वारा The ढूँढाड़ Talks के पोस्टर का विमोचन भी किया गया।

आशीष गुप्ता ने बताया कि ये कार्यक्रम विविध उद्देश्यों के साथ तय हुआ है जिसमें हम राष्ट्र निर्माण को सर्वोपरि मानते हुए उसके लिए क्या आवश्यक है उस पर कार्यक्रम में मंथन होगा और कुछ विमर्श ऐसा निकलेगा जो आने वाले समय में इस राष्ट्र को पुनः गौरव पद पर स्थापित होने मे सहायक होगा।

गुप्ता ने बताया कि राष्ट्र निर्माण के लिए सबसे ज़्यादा आवश्यक है, हम नागरिक अपने कर्तव्यों को समझे और अनुशासित होकर उन कर्तव्यों का निर्वहन करे। हमें अपने अधिकार तो पता है लेकिन हम हमारे कर्तव्यों को भूल जाते है। देश को देने का भाव जाग्रत करना ही कार्यक्रम का अहम उद्देश्य हैं।

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