प्रधानमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की सौगात

प्रदेश सरकार की पहली वर्षगांठ पर राज्य स्तरीय समारोह दादिया (जयपुर) में आयोजित
एनजीबीआई लिंक परियोजना के तीन पैकेज का शिलान्यास, नवनेरा बैराज का लोकार्पण
ऊर्जा तंत्र सुदृढ़ीकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे की विभिन्न परियोजनाएं भी शामिल

आगाज केसरी 

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को प्रदेश सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की सौगात दी। कार्यक्रम में परियोजना के एमओए पर हस्ताक्षर के साथ ही, केन्द्र और राज्य सरकार की 11,041 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण, 35,234 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं 58,546 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों की निविदा प्रक्रिया का प्रारम्भ भी हुआ। 

प्रधानमंत्री मोदी की प्रदेश के विकास की गारंटी का साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों से संशोधित पार्वती-कालीसिंध चंबल (एकीकृत ईआरसीपी) परियोजना धरातल पर उतरना प्रारम्भ हो चुकी है। इस क्रम में प्रधानमंत्री ने परियोजना के प्रथम चरण में पेयजल के लिए कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्वती नदी पर महलपुर बैराज और नवनेरा बांध में संग्रहित जल के उपयोग हेतु नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा (एनजीबीआई) लिंक परियोजना के तीन पैकेज के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इन पैकेज में 9416.70 करोड़ रुपए की लागत से नवनेरा बैराज से गलवा बांध होते हुए बीसलपुर व ईसरदा बांध तक जरूरत के अनुसार जल प्रत्यावर्तन के लिए नहर तंत्र, पम्पिंग स्टेशन एवं पाइपलाइन का निर्माण कार्य किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत कालीसिंध नदी पर 1069 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नवनेरा बैराज का लोकार्पण भी किया।

उल्लेखनीय है कि संशोधित पार्वती-कालीसिंध चंबल (एकीकृत ईआरसीपी) परियोजना पूरी होने पर राजस्थान के 21 जिलों में रहने वाले लगभग सवा तीन करोड़ लोगों को सुलभ पेयजल की उपलब्धता के साथ साथ लगभग ढाई लाख हैक्टयर नये क्षेत्र में सिंचाई तथा लगभग डेढ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु अतिरिक्त पानी की व्यवस्था हो सकेगी। लाभान्वित जिलों में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरतल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दूदू, अजमेर, ब्यावर और केकड़ी शामिल है।

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के रूप में क्रियान्वित होगी यह परियोजना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इस बहुप्रतीक्षित प्रस्तावित परियोजना पर तत्परता बरतते हुए पहल की गई। जिसके बाद, इस परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के मध्य 28 जनवरी, 2024 को एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस परियोजना हेतु दोनों राज्यों की समेकित डीपीआर बनाने का कार्य केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) द्वारा किया जा रहा है। एनडब्ल्यूडीए के निर्देशन में राजस्थान भाग की डीपीआर वेप्कोस द्वारा तैयार कर ली गई है। संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना को राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा। 

ट्रांसपोर्ट सेक्टर और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

आज लोकार्पित हुई परियोजनाओं में से दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पूरी तरह प्रारंभ होने पर दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों को राजस्थान से जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेस-वे में से एक होगा। मेज नदी पर बड़ा पुल बनने से सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा और टोंक जिलों को लाभ मिलेगा। जयपुर और रणथम्भोर तक पर्यटकों का पहुंचना आसान होगा। किसानों की बड़ी मंडियों और बड़े बाजारों तक पहुंच आसानी होगी। 

कटरा से लेकर कांडला एवं मुंद्रा बंदरगाहों तक सीधा संपर्क

जामनगर-अमृतसर इकोनॉमिक कॉरिडोर दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे के माध्यम से राजस्थान को मां वैष्णो देवी मंदिर से जोड़ेगा दूसरी तरफ उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क मिलेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट सेक्टर को मिलेगा और यहां बड़े-बड़े वेयरहाउस बनेंगे। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

जोधपुर शहर को जाम से मिलेगी मुक्ति

जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। जोधपुर आने वाले पर्यटक, व्यापारी और कारोबारियों को भी इससे फायदा होगा।  

सुचारू एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मिलेगी सहायता

इसी तरह पावरग्रिड के सोलर एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र सुदृढ़ीकरण तथा स्मार्ट विद्युत ट्रांसमिशन नेटवर्क एवं असेट मैनेजमेन्ट सिस्टम के कार्यों से प्रदेश में आमजन को सुचारू एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। इसी तरह, भीलड़ी-समदड़ी-लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ रेलमार्ग के विद्युतीकरण से यात्रियों को गंतव्य स्थल पर शीघ्र पहुंचने में आसानी होगी। 

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