राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां
न्यायालय के स्पष्ट आदेश का 4 सप्ताह में करना था पालन, टालमटोल में अब तक बीत गए 30 सप्ताह
सरकारी तंत्र के जिम्मेदारों को जगाने के लिए राम धुन, हनुमान चालीसा, शांति पाठ और सद्बुद्धि यज्ञ 2 दिसंबर से
मिशन राइट एवं जस्टिस के अध्यक्ष केएल पंजाबी ने गांधीवादी तरीके से विरोध के लिए संभाला मोर्चा...
आगाज केसरी
जयपुर। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना और दशकों से पीड़ितों परिवारों को प्रताडित करके उनके हक की राशि छीनने की साजिश रची जा रही है। जयपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ये खुलासा किया मिशन राइट एवं जस्टिस के अध्यक्ष के एल पंजाबी ने।
सामाजिक कार्यकर्ता के एल पंजाबी ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद दशकों से पीडित पक्षकारों को उनके जायज हक की राशि का भुगतान नहीं करने के साथ ही पीडब्लूडी के अधिकारियों द्वारा निरन्तर झूठे आश्वासन देकर चक्कर कटवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय और आमजन की सुविधार्थ बनाई गई नीतियों के तहत दशकों पूर्व अवाप्त की गई जमीनो के जायज हक की राशि उनके मालिकों को सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा अनेक चक्कर लगाए जाने के बावजूद नहीं चुकाई गई है। ऐसी विकट परिस्थितियों में जमीन के हकदार जोधपुर निवासी राजेश मेहता के परिवार सहित अन्य लोग जमीन के जायज हक की प्राप्ति के लिए न्यायालय की शरण में भी जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा पीड़ित राजेश के हक में सार्वजनिक निर्माण विभाग को प्रकरण में निस्तारण के स्पष्ट आदेश के साथ चार सप्ताह का समय दिया गया था। लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा लगभग 30 सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी निस्तारण नहीं किया गया है। अधिकारियो की मनमानी से उत्पन्न की गई परिस्थितियों के कारण मुख्य पीड़ित राजेश मेहता तनावग्रस्त मानसिक स्थिति के चनते हृदयघात को झेलकर उपचाराधीन है और इसी तनाव के चलते उनके पिता लक्ष्मी चंद मेहता लकवाग्रस्त हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि मिशन राइट एवं जस्टिस सभी पीड़ितों को उनके हक की राशि का पैसा दिलवाने के लिए पिछले छः माह से लगातार संघर्ष कर रहा है। पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने तक अब ये संघर्ष पहले से ज्यादा मजबूती के साथ जारी रहेगा।
पंजाबी ने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा पीडितों को चुकाई जाने वाली राशि तक में न केवल नियमों को दरकिनार करके बदनियती से पीड़ितों का शोषण करने की साजिश रची जा रही है बल्कि उच्च न्यायालय तक के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
मिशन राइट एंड जस्टिस द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को जगाने के लिए सोमवार दिनांक 02/12/2024 से सार्वजनिक निर्माण विभाग मुख्यालय जयपुर सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रामधुन, हनुमान चालीसा, शांति पाठ, एवं सद्बुद्धि यज्ञ किए जाने का निश्चय किया गया है जिसके बारे में जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है।
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