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लड़कियों के साथ होने वाली हिंसा की रोक-थाम के उपायों पर चर्चा

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महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र का नंबर 74250181 जयपुर। विशाखा महिला शिक्षा एवं शोध समिति की ओर से भांकरोटा के केशुपूरा स्थित महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जागरूकता अभियान के तहत लड़कियों के साथ होने वाली हिंसा की रोक-थाम के उपायों और विशाखा संस्था द्वारा संचालित महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की उपयोगिता पर छात्राओं के साथ चर्चा की गई। संस्था की काउंसलर ने छात्राओं को बताया कि किसी भी महिला या बालिका के साथ किसी भी प्रकार की प्रताड़ना या हिंसा होने पर वह तत्काल इसकी जानकारी भांकरोटा थाने में स्थित महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की काऊंसलर को दें। इस तरह की समस्त जानकारी को पूर्णतया गोपनीय रखा जाता है। इस दौरान मौजूद छात्राओं ने यह भी जानना चाहा कि अगर कोई उन्हें छेड़े या रास्ते में पीछा करे तो इस समस्या से कैसे छुटकारा मिल सकता है। इस पर काऊंसलर ने महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र का नंबर 7425018111 साझा करते हुए तत्काल इसकी सूचना देने की बात कही। इस अवसर पर हुई चर्चा के दौरान राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, केशुपूरा के प्रधानाध्यापक रामकुमार

धरी रह गई बस मालिक की चालाकी, उच्च न्यायालय का निर्णय बना सड़क सुरक्षा की नई '"नजीर"

ग्वालियर उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 53 के तहत किसी भी क्षेत्राधिकार में अपराध होने पर उस क्षेत्र का प्राधिकरण पंजीकरण निलंबित कर सकता है।

अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) गोपाल सिंह एक्शन मोड़ में...

जयपुर। जयपुर द्वितीय क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने एक अवैध रूप से परिवर्तन के कारण मई 2024 को बस (UP 95 T 5127) का पंजीकरण निलंबित किया था। 

इस निलंबन को बस मालिक महेंद्र गुप्ता द्वारा ग्वालियर उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि केवल वही प्राधिकरण जिसके तहत बस पंजीकृत है उसे पंजीकरण निलंबित करने का अधिकार है। ग्वालियर उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 53 के तहत किसी भी क्षेत्राधिकार में अपराध होने पर उस क्षेत्र का प्राधिकरण पंजीकरण निलंबित कर सकता है। यह निर्णय पंजीकरण निलंबन की अस्पष्टता को दूर करता है और सड़क सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल पेश करता है।

उल्लेखनीय है कि बस मालिक अपने वाहनों को अन्य राज्यों में पंजीकृत करवाकर उसमें ज़्यादा लाभ कमाने के लिए सीट, तथा बॉडी को बढ़ाकर ज़्यादा यात्री तथा यात्रियों की जगह माल परिवहन करने के लिए अनाधिकृत रूप से नियम विरुद्ध परिवर्तन कराकर अपने लाभ के लिए राजस्थान राज्य में चलते हैं। ये मलिक मूल रूप से राजस्थान के निवासी है लेकिन टैक्स बचाने तथा राजस्थान की सख़्त प्रक्रिया से बचने के लिए ऐसा करते है।  

विभाग अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन गोपाल सिंह के निर्देशानुसार परिवहन विभाग राजस्थान सरकार ने 22 मई से 31 मई 2024 तक एक अभियान चलाकर ऐसी सौ बसों के ख़िलाफ़ पंजीयन निलंबन की कार्रवाई की थी। कई बस मालिक न्यायालय के निर्णय के इंतज़ार में थे क्योंकि उनको उम्मीद थी कि यह फ़ैसला परिवहन विभाग के ख़िलाफ़ आएगा और उनके वाहन धड़ल्ले से चलते रहेंगे । लेकिन ग्वालियर उच्च न्यायालय ने परिवहन विभाग के पक्ष में यह फ़ैसला दिया जिससे अवैध परिवर्तन कर बस संचालित करने वाले इन वाहनों के मालिकों को गहरा धक्का लगा है।

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