1008 प्रकांड पंडितों ने किया राजस्थान में सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान
आयोजक जतीन ने अपने दादाजी श्याम सुंदर मौसूण के 70वें जन्मदिवस पर रखा अनूठा आयोजन..
जयपुर। विख्यात ज्वैलरी प्रतिष्ठान समूह जेकेजे ग्रुप के समस्त कुटुंबजनों ने जयपुर के केंद्र स्थल एंटरटेनमेंट पैराडाइज में बड़े विशाल धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया।आयोजकों का मानना है कि यह कार्यक्रम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने जा रहा है। ग्रुप के संस्थापक श्याम सुन्दर मौसूण के 70वें शुभ जन्मदिवस अवसर पर समस्त परिवारजन ने उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर को अविस्मरणीय बनाने के लिए ग्रुप के सभी सदस्यों में अपनी सहभागिता निभाई।
आयोजन की भव्यता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां एक साथ एक सुर में देश-प्रदेश के 1008 प्रकांड पंडित वेद मंत्रोच्चार किया। सभी विद्वजन में एक साथ मिलाकर 1,08,000 हनुमान चालीसा पाठ तथा 1008 सुंदरकांड का पाठ भी किया। जगमगाते दीपों और सौम्य सुगंध से महकते इस भव्य अलौकिक वातावरण में उपस्थित जनसमूह को आनंद की परम अनुभूति हुई। ऐसा दृश्य मानो देवलोक से समस्त देव एकसाथ घरा पर उतर कर अपनी उपस्थिति से जगत को प्रकाशमान कर आशीर्वाद प्रदान कर रहे हों। प्रातः 11 बजे से संध्या 7 बजे तक आयोजित इस अनूठे आयोजन में जेकेजे ग्रुप की चार पीढ़ियां और लगभग 3000 से अधिक आमंत्रित गणमान्यजन इस अवसर पर एकसाथ एक छत के नीचे उपस्थित हुए।
परिवार के सदस्यगण राजकुमार, प्रमोद, राधेश्याम, पुखराज, कैलाश, उपेंद्र, सुनील, अनिल, दीपक, संजय, मनोज, लोकेश, व चेतन मौसूण के सान्निध्य में जेकेजे ग्रुप के समस्त कुटुंबजन इस विशाल धार्मिक अनुष्ठान को अविस्मरणीय बनाने में पूरी लगन से जुटे रहे। निश्चय ही जयपुर के इतिहास में यह एक अभूतपूर्व आयोजन कहलायेगा। संभावना यह है कि इस आयोजन के साथ जेकेजे ग्रुप का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा।
श्यामसुंदर मौसूण अपनी 70वीं वर्षगाँठ पर समस्त परिवारजन को इतने उत्साह से एक साथ मिलकर इस आयोजन में जुटे देखकर बेहद भाव-विभोर हो गए। लगभग 3 दशक पूर्व अपने समस्त भ्राताओं के साथ जेकेजे ज्वैलर्स एन्ड संस की स्थापना करने वाले श्यामसुंदर आज अभूतपूर्व सफलता के साथ आगे बढ़ते और एक पौधे को वटवृक्ष के रूप में बदला हुआ देख गदगद हैं।
👉 देखें वीडियो : जेकेजे ग्रुप के संस्थापक श्याम सुन्दर मौसूण ने इस अवसर साझा किये अपने जीवन के अनुभव...
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