25 फरवरी से 5 मार्च तक लोक संगीत और नृत्य के रंगों से सराबोर होगा बीकानेर

शिल्पकला, मूर्तिकला के साथ नाटक-नाटिकाओं का होगा मंचन
बीकानेर में जुटेंगे देशभर के 1,000 से अधिक ख्यातनाम कलाकार

उदयपुर। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव  के 14वें संस्करण का आयोजन  25 फरवरी से 5 मार्च तक डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में किया जाएगा। इस महोत्सव में देश भर के जाने-माने कलाकार लोक नृत्य और लोक संगीत, नाटक नाटिकाओं व सूफी संगीत आधारित प्रस्तुतियां देंगे। इस दौरान बालू मूर्तिकला के साथ साथ शिल्पकला और अन्य कलाओं आधारित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय एवं पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के तत्वावधान में आयोजित होने वाले इस महोत्सव से स्थानीय पर्यटन और कला संस्कृति को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

नौ दिवसीय राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, संस्कृति मंत्रालय का एक प्रमुख महोत्सव है, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना, बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है। पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि 27 फरवरी को महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू  द्वारा महोत्सव  का उद्घाटन किया जाएगा। इस मौके पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय संस्कृति मंत्री  किशन रेड्डी, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री एवं बीकानेर सांसद अर्जुन राम  मेघवाल, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी उपस्थित रहेंगे।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि यह महोत्सव भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं विभिन्न कलाओं, व्यंजनों एवं हस्तशिल्प एक जगह लाकर उन्हें पहचान एवं गौरव दिलाने का एक अनूठा प्रयास है। महोत्सव में प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना है।
पच्चीस फरवरी को शोभायात्रा के साथ जूनागढ़ किले से इस महोत्सव की शुरुआत होगी। इसके बाद शिल्पांगन और कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा।

25 फरवरी को ही सायं 7 बजे से बंबू इंस्ट्रूमेंट आधारित संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। महोत्सव के दूसरे दिन कलादर्शनम आर्ट शिविर प्रारंभ किया जाएगा। इस दिन पंजाब पुलिस कल्चरल ट्रूप द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। साथ ही कृष्णाय तुभ्य नमः ओडिसी नृत्य व स्काई रूट बैंड की आकर्षक प्रस्तुति होगी। अगले दिन प्रसिद्ध कलाकार अनवर खान द्वारा डेजर्ट सिंफनी का प्रदर्शन किया जाएगा। इस दिन अन्य कार्यक्रमों में कैमल टैटू प्रदर्शन और सौरभ संस्कृति कार्यक्रम के तहत लोक नृत्य का आयोजन होगा।

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