पद्मश्री मधु पंडित दास को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की मानद उपाधि

मानव कल्याण क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु पूर्णिमा यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया सम्मान...

जयपुर। इस्कॉन, बेंगलुरु के प्रेसीडेंट व अक्षयपात्र फाउंडेशन के चेयरमेन पद्मश्री मधु पंडित दास को जयपुर की पूर्णिमा यूनिवर्सिटी द्वारा मानद उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया गया। शनिवार को आयोजित यूनिवर्सिटी के नौवें दीक्षांत समारोह में उन्हें खाद्य सुरक्षा व मानव कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की मानद उपाधि प्रदान की गई। आर्मी ट्रेनिंग कमांड (एआरटीआरएसी), शिमला के जीओसी इन चीफ एवीएसएम, वीएसएम लेफ्टिनेंट जनरल सुरिन्दर सिंह महल समारोह के मुख्य अतिथि थे। उनके साथ यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन शशिकांत सिंघी व प्रेसीडेंट डॉ. सुरेश चंद्र पाढ़ी द्वारा उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया। समारोह में वॉकहार्ट फाउंडेशन के सीईओ डॉ. हुजैफा खोराकीवाला को भी डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के विभिन्न कोर्सेज के 638 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पद्मश्री मधु पंडित दास ने स्टूडेंट्स को भारतीय संस्कारों की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा कि आज हम पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं, लेकिन ज्ञान की दृष्टि से भारत हमेशा से काफी समृद्ध रहा है। 

उल्लेखनीय है कि पद्मश्री मधु पंडित दास आईआईटी, बॉम्बे के एलुमनी हैं, जिन्हें पूर्व में बेंगलुरु यूनिवर्सिटी की ओर से भी मानद उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। मानव कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 67 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें भारत सरकार की ओर से प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार व वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। उन्हें आईआईटी, बॉम्बे की ओर से डिस्टिंग्विश्ड एलुमिनस अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से भारत के 14 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के 65 स्थानों पर प्रतिदिन दो मिलियन से अधिक बच्चों को भोजन कराया जाता है। अपनी शुरुआत से फाउंडेशन जयपुर, अजमेर व हैदराबाद में अब तक 3.5 बिलियन भोजन और महामारी के दौरान 25 करोड़ से अधिक भोजन परोस चुका है।

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