कलमकार पुरस्कारों की घोषणा, महेश कुमार, नैहनू राम प्रथम, संगीता सेठी और रामनारायण द्वितीय

तृतीय पुरस्कार राम करन, अनिता राठौर मंजरी, अनघा जोगलेकर, वाचस्पति सौरभ, देवेश पथसारिया, साधना जोशी प्रधान और प्रकाश प्रियम को

आशुकवि बंकट बिहारी ‘पागल’ सम्मान दशरथ कुमार सोलंकी को


जयपुर। देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था कलमकार मंच की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कलमकार पुरस्कार प्रतियोगिता में इस वर्ष कहानी एवं लघुकथा श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जयपुर के महेश कुमार की कहानी ‘ख़ौफ़’ और गीत,  ग़ज़ल, कविता श्रेणी में प्रथम पुरस्कार टोंक के नैहनू राम मीना की रचना ‘जातन’ को दिया जाएगा। निर्णायक मंडल के निर्णय के अनुसार कहानी एवं लघुकथा श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार बीकानेर, राजस्थान की संगीता सेठी की कहानी ‘एक थी सिंड्रेला’ और तृतीय पुरस्कार बस्ती, उत्तर प्रदेश के राम करन, आगरा, उत्तर प्रदेश की अनिता राठौर मंजरी और गुरुग्राम, हरियाणा की अनघा जोगलेकर को दिया जाएगा। गीत,  ग़ज़ल एवं कविता श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार कोटा, राजस्थान के रामनारायण मीना ‘हलधर’ की ‘ग़ज़ल’ और तृतीय पुरस्कार समस्तीपुर, बिहार के वाचस्पति सौरभ ‘रेणु’, अलवर, राजस्थान मूल के ताईवान निवासी देवेश पथसारिया और जयपुर की साधना जोशी प्रधान एवं मनोहरपुर, जयपुर के प्रकाश प्रियम को संयुक्त रूप से दिया जाएगा।  इस वर्ष आशुकवि बंकट बिहारी ‘पागल’ सम्मान दशरथ कुमार सोलंकी को दिया जाएगा।

कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक निशांत मिश्रा ने बताया कि कलमकार पुरस्कार-2020-21 में देशभर से बड़ी संख्या में रचनाएं प्राप्त हुईं। टीम कलमकार की ओर से दो स्तर पर शॉर्टलिस्ट करने के बाद पुरस्कार के लिए श्रेष्ठ रचनाओं का चयन निर्णायक मंडल में शामिल देश के जाने माने साहित्यकारों ने किया। कहानी एवं लघुकथा श्रेणी में वरिष्ठ साहित्यकार एवं समीक्षक राजाराम भादू, कुमार मुकुल एवं कान्ता रॉय तथा गीत, कविता एवं  ग़ज़ल श्रेणी में प्रियदर्शन, प्रभात और डॉ. दुष्यन्त जैसे वरिष्ठ साहित्यकार निर्णायक मंडल में शामिल थे। उन्होंने बताया कि कोरोना और ओमिक्रॉन के चलते मौजूदा हालात को देखते हुए कलमकार पुरस्कार समारोह का आयोजन सामान्य स्थिति होने पर अप्रेल, 2022 में किया जाएगा, जिसमें वर्ष 19-20 और 20-21 के विजेताओं को नवाजा जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी एवं वरिष्ठ साहित्यकार फारूक आफरीदी ने कलमकार मंच की ओर से अप्रेल माह में आयोजित किये जाने साहित्य उत्सव और साहित्य यात्रा के तहत जैसलमेर में होने वाले आयोजन की जानकारी देते हुए कहा कि विश्वभर से पर्यटक जैसलमेर घूमने आते हैं फिर साहित्य सृजक ऐसे विश्व प्रसिद्ध जगह पर जाने से कैसे वंचित रह सकते हैं। उन्होंने संस्था के कार्यों की प्रशंसा की। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी प्रतियोगिता का उद्देश्य होता है कि उसके माध्यम से बेहतर प्रतिभाओं को खोजा जाए और इस दिशा में कलमकार मंच बेहतरीन कार्य कर रहा है।

कलमकार की संस्थापक सदस्य उमा ने बताया कि आगामी 29 जनवरी को कलमकार मंच द्वारा प्रकाशित वरिष्ठ व्यंग्यकार फारूक आफरीदी के व्यंग्य संग्रह ‘धन्य है आम आदमी’, किस्सागोई फेम लेखिका उमा के कहानी संग्रह ‘चाँद, रोटी और चादर की सिलवटें’, महेश कुमार के उपन्यास ‘शहरी  शरीफ़’, दशरथ कुमार सोलंकी के काव्य संग्रह ‘उजास के अर्थ’, ओमप्रकाश नौटियाल के कहानी संग्रह ‘शतरंजी खंभा’, डॉ. पीयूष चंद्र पंड्या के व्यंग्य संग्रह ‘ताल से ताल मिला’, सेवा सदन प्रसाद के लघुकथा संग्रह ‘अंत:प्रेरणा’, प्रकाश प्रियम के संस्मरण ‘अतीत का  सफ़रनामा’, डॉ. भोला शंकर मिश्र के कहानी संग्रह ‘जीवन’ एवं ‘भ्रान्ति’, दीपक ठाकुर के काव्य संग्रह ‘पहाड़ी  लड़की’ और नीतू झारोटिया ‘रूद्राक्षी’ के काव्य संग्रह ‘क्योंकि... बस इतना ही’ का विमोचन जयपुर में आयोजित समारोह में किया जाएगा।

कलमकार पुरस्कारों की घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी एवं वरिष्ठ साहित्यकार फारूक आफरीदी, डॉ. सत्यनारायण, विनोद भारद्वाज, गजेन्द्र एस. श्रोत्रिय और उमा मौजूद थे। कोविड गाइड लाइन की पालना में पुरस्कार घोषणा का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया पर किया गया।

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