किताब पाठकों तक नहीं पहुँचे तो लिखना बेकार - मिश्रा

'पुस्तक विमोचन समारोह’ में हुआ आठ किताबों का विमोचन...


जयपुर। देश की अग्रणी साहित्य संस्था कलमकार मंच की ओर से रविवार को यूथ हॉस्टल में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में ताइवान के ख्यात कवि ली मिन-युंग के युवा लेखक देवेश पथ सारिया द्वारा अनुवादित काव्य संग्रह सहित आठ किताबों का विमोचन देश के प्रसिद्ध साहित्यकारों की मौजूदगी में हुआ।

इस अवसर पर कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक गीतकार निशांत मिश्रा ने अपने स्वागत उद्बोधन में कोरोना आपदा के कारण बंद पड़ी साहित्यिक गतिविधियों को सुचारू करने के लिए ऐसे आयोजन की महत्ता को बताते हुए कहा कि किसी भी लेखक का लिखना तब सार्थक होता है, जब उसकी किताब पाठकों के हाथों में पहुँचे। अगर किसी लेखक की किताब पाठक तक नहीं पहुँचे तो लिखना बेकार है। वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार ईशमधु तलवार ने की। वरिष्ठ साहित्यकार दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारूक आफरीदी, ख्यात शायर लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’, वरिष्ठ आलोचक राजाराम भादू, वरिष्ठ कवि प्रेमचंद गाँधी, साहित्यकार भरत ओला एवं साहित्यकार एवं एसीपी रामगंज सुनील प्रसाद शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। संचालन युवा लेखिका तसनीम खान ने किया।

समारोह में जिन किताबों का विमोचन हुआ उनमें युवा लेखक प्राजंल की ‘गुफ़्तगू’, जे.पी. लववंशी की ‘धूप को तरसते गमले’, सुधीर गुप्ता ‘चक्र’ की दो किताबों ‘आत्महत्या कैसे करें?’ एवं ‘चाय तैयार है’, दिनेश कपूर ‘उत्सर्ग’ की ‘भाव निर्झरी’, राजेन्द्र गुप्ता की ‘बे-ख़ौफ़ लम्हे’, विजयराज सुराणा की ‘आभा-हरियाली तीज की’ और ताइवान के वरिष्ठ साहित्यकार ली मिन-युंग की युवा लेखक देवेश पथ सारिया द्वारा अनुवादित किताब ‘हक़ीक़त के बीच दरार’ शामिल हैं।

इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि नंद भारद्वाज ने कहा कि प्रत्येक रचनाकार महत्वपूर्ण होता है उसे किसी श्रेणी में नहीं बांधा जाना चाहिए। वो चाहे जिस विधा में लिखे, सारी विधाएं महत्वपूर्ण होती हैं। लेखक भाषा को समाज से अर्जित करते हैं और उसे अपने अनुभवों से समृद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में कलमकार मंच ने जो पहल की है वह नई और उत्साहवर्धक है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में ईशमधु तलवार ने कहा कि संस्था युवा लेखकों और साहित्य सृजकों को आगे आने का अवसर प्रदान कर रही है वह सराहनीय है। वरिष्ठ साहित्यकारों की मौजूदगी में जिस प्रकार युवा प्रतिभाओं को मंच देने के साथ उनकी किताबें प्रकाशित की जा रही है वह साहित्य के विकास की दिशा में कलमकार का महत्वपूर्ण योगदान है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारूक आफरीदी, ख्यात शायर लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’, वरिष्ठ आलोचक राजाराम भादू, वरिष्ठ कवि प्रेमचंद गाँधी, साहित्यकार भरत ओला एवं साहित्यकार एवं एसीपी रामगंज सुनील प्रसाद शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

समारोह में किस्सागोई फेम लेखिका उमा, फिल्म निर्देशक गजेन्द्र एस. श्रोत्रिय, युवा लेखक भागचंद गूर्जर, महेश कुमार शर्मा, अवनींद्र मान, सुंदर बेवफा, पंचशील जैन, राहुल मीणा, नवल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार हरीश गुप्ता, विनोद शर्मा, देविना भारद्वाज, आयुषी, क्षितिज, अक्षत, प्रेरक सहित अन्य साहित्यप्रेमी मौजूद थे।



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