कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम
वैक्सीन वेस्टेज 18 से 44 आयु वर्ग में शून्य और 45 से अधिक उम्र में 2 प्रतिशत
जयपुर। कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत वैक्सीनेशन की संख्या एवं वैक्सीनेशन कम वेस्टेज करने की दृष्टि से राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। अब तक 1 करोड़ 68 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोरोना वैक्सीन का 10 प्रतिशत तक वेस्टेज अनुमत है एवं इस समय देश भर में वैक्सीन वेस्टेज का औसत 6 प्रतिशत है। इसके मुकाबले में राजस्थान में वैक्सीन वेस्टेज 18 से 44 वर्ग में शून्य और 45 से अधिक उम्र में 2 प्रतिशत रहा है।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान कम वेस्टेज के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रदेश के 8 जिलों में वैक्सीनेशन के दौरान वेस्टेज माइनस में रहा है। इन जिलों में वैक्सीनेशन का समुचित उपयोग कर न केवल एक भी डोज वेस्टेज होने दिया बल्कि एक वाइल में मौजूद अधिकतम 11 डोज लगाई गई। प्रदेश के अन्य जिलों में भी वेस्टेज का प्रतिशत शून्य तक लानेे के प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश के उदयपुर, झुझनूं, प्रतापगढ़, जैसलमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद, बासंवाड़ा और जयपुर द्वितीय में एक वाइल में निर्धारित मात्रा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार वाइल को एक बार खोलने के बाद मात्र 4 घंटे तक ही उसका उपयोग किया जा सकता है। यदि 8 व्यक्तियों का वैक्सीनेशन हो जाए और 4 घंटे तक कोई व्यक्ति वैक्सीनेशन के लिए नहीं आए तो शेष वेस्टेज का हिस्सा माना जाता है।
निर्धारित मापदंडों के अनुसार होता है वाइल्स का निस्तारण
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के बायोमेडिकल वेस्ट मैनजेमेंट नियमों के अनुसार यूज्ड, एक्सपायर्ड एवं डिस्कार्डेड वाइल्स का निस्तारण किया जाता है। टीकाकरण सत्र समाप्ति के बाद यूज्ड, अनयूज्ड एवं डिस्कार्डेड आदि समस्त वैक्सीन वाइल्स को प्रोटोकॉल के अनुरूप संबंधित चिकित्सा संस्थान पर ही जमा करवाई जाती है। उपयोग में लेने के बाद खाली वाइल्स, एक्सपायर्ड एवं डिस्कार्डेड वाइल्स को पीले बैग में डाला जाता है। उपयोग में ली जाने वाली वाइल्स को निर्धारित तापमान पर संग्रहित कर आगामी सत्रों में उपयोग लिया जाता है।
1 करोड़ 68 लाख से ज्यादा वैक्सीन लगाई गई
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि 45 से अधिक आयु वर्ग के लिए अब तक प्रदेश को 1 करोड़ 73 लाख, 65 हजार 660 वैक्सीनेशन डोज मिली हैं। इनमें से 2 लाख 15 हजार 180 वैक्सीन आर्मी के हैल्थ वर्कर्स व फ्रंटलाइन वर्कर्स को, 1 करोड़, 70 लाख 27 हजार 680 डोज सभी जिलों को आवंटित की गई हैं। राज्य स्तर पर कुल 1 लाख 22 हजार 800 डोजेज बची हैं। इसी तरह 18 से 44 आयु वर्ग के लिए अब तक कुल 17 लाख 87 हजार 720 वैक्सीन डोज प्राप्त हुए, जिन्हें जिलों में भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य में 31 मई तक 1 करोड़ 68 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं।
60 से अधिक के आयु के 78 और 45 से अधिक आयु के 72 फीसद को वैक्सीनेशन डोज
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि 16 जनवरी 2021 से प्रारंभ हुए वैक्सीनेशन के प्रथम चरण में हेल्थ केयर वर्कर एवं फन्टलाईन वर्कर को अब तक कोविन साफ्टवेयर में कुल पंजीकृत 11 लाख 78 हजार 687 में से प्रथम डोज से 10 लाख 46 हजार 829 को टीकाकृत किया गया जो कि 88.8 प्रतिशत है, कुल प्रथम डोज 9 लाख 51 हजार 315 में से 7 लाख 78 हजार 176 को द्वितीय डोज 81.8 प्रतिशत लगाई गईं। इसी तरह 60 वर्ष से अधिक आयु के 53 लाख 55 हजार 879 व्यक्तियों को प्रथम डोज से टीकाकृत कर दिया गया है, जो कि भारत सरकार के दिए लक्ष्य का 78.3 प्रतिशत है। यही नहीं प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 1 करोड़ 7 लाख 51 हजार 554 लोगों को प्रथम डोज दे दिया गया है, जो कि सेंसस के अनुसार कुल 72.2 फीसद है। उन्होंने बताया कि 17.87 लाख वैक्सीन डोजेज राजस्थान सरकार द्वारा 18 से 44 वर्ष के आयु के व्यक्तियों के लिए खरीद की गई है, जिसके तहत 17 लाख 96 हजार 905 प्रथम डोज लगाई गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 1 लाख 94 हजार 26 कोविड वैक्सीनेशन सत्र आयोजित किये जा चुके हैं।
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