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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

पानी सिर से ऊपर चला गया है, अब ऑक्सीजन की व्यवस्था करें

दिल्ली हाईकोर्ट ने केद्र को लगाई फटकार...



नई दिल्ली।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच राष्ट्रीय राजधानी में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्र को फटकार लगाई और इसे जीवन रक्षक गैस की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा पानी सिर के उपर चला गया है, चाहे जैसे भी हो सबकुछ की अभी व्यवस्था करें।

अदालत महामारी के संबंध मं एक याचिका की सुनवाई कर रही थी। याचिका स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को लेकर दाखिल किया गया था, जिसमें महामारी से निपटने के तरीके पर सवाल उठाए गए थे। ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल्ली के बत्रा अस्पताल में एक डॉक्टर सहित आठ कोविड मरीजों की मौत को देखते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा, "पानी सिर के ऊपर चला गया है। आपको अब सब कुछ व्यवस्थित करना होगा।"

अदालत ने इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी के महरौली क्षेत्र के बत्रा अस्पताल में दुखद घटना के संबंध में बयानों को दर्ज किया। एक सप्ताह में यह दूसरी बार था जब अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी की रिपोर्ट सामने आई। उच्च न्यायालय ने केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चाहे जैसे भी हो दिल्ली में 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो। उच्च न्यायालय ने कहा, "हम केंद्र को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित करते हैं कि दिल्ली को अपनी 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति आज प्राप्त हो। दिल्ली एक औद्योगिक राज्य नहीं है, यह क्रायोजेनिक टैंकर नहीं हैं।"

अदालत ने कहा, "आठ लोगों की मौत हो गई है .. क्या हम दिल्ली में मरने वाले लोगों के प्रति अपनी आंखें बंद कर लें।" 
कोर्ट ने यह भी कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों की भी व्यवस्था करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि यदि वह दिल्ली के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में विफल रहता है तो वह सोमवार तक अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर सकता है।

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