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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

ऑक्सीजन के लिए राज्य में उपलब्ध टैंकर देश का केवल एक प्रतिशत - चिकित्सा मंत्री

बर्नपुर, कलिंगनगर तथा जामनगर जैसे सुदूर स्थानों से ऑक्सीजन लाने के लिए चाहिए 54 अतिरिक्त टैंकर...

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस गंभीर संकट के समय राजस्थान सरकार प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रदेश की भौगोलिक स्थितियों एवं नेशनल प्लान में एक्टिव केसेज के अनुपात में ऑक्सीजन एवं दवाओं का समुचित आवंटन नहीं होने से राज्य सरकार को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन ऎसी स्थिति में भी हमारा प्रयास है कि केंद्र एवं सभी राज्यों के आपसी समन्वय के साथ इस मुश्किल घड़ी का सफलतापूर्वक सामना किया जाए।

डॉ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान स्वयं ऑक्सीजन की कमी के साथ ही विभिन्न सुदूर स्थानों से ऑक्सीजन उठाव को लेकर टैंकरों की कमी और अन्य परेशानियों से जूझ रहा है, लेकिन राजस्थान ने किसी भी राज्य के टैंकरों को प्रदेश में रोकने का प्रयास नहीं किया है। असल में राज्य के पास ऑक्सीजन के उठाव के लिए मात्र 23 टैंकर ही उपलब्ध हैं। इनमें से भिवाड़ी स्थित आईनोक्स प्लाट के नाइट्रोजन परिवहन के काम आ रहे चार टैंकरों को पेट्रोलियम एण्ड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पीईएसओ) के माध्यम से ऑक्सीजन परिवहन के लिए कन्वर्ट करवा कर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य के लिए ऑक्सीजन परिवहन में इनका उपयोग हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में रजिस्टर्ड 5 टैंकर दिल्ली, पंजाब और उत्तरप्रदेश में चल रहे हैं।

चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं, उसके मुताबिक देश में 2416 क्रयोजेनिक टैंकर उपलब्ध हैं। इनमें से राजस्थान के पास उपलब्ध टैंकरों की संख्या मात्र 25 ही हैं, इनमें भी केवल 23 ही क्रियाशील हैं। इस हिसाब से राजस्थान के पास देश के कुल टैंकरों का केवल एक प्रतिशत ही उपलब्ध है। प्रदेश में एक्टिव केसेज की संख्या, बर्नपुर, कलिंगनगर, जामनगर, पानीपत एवं भिवाड़ी जैसे सुदूर स्थानों से प्रतिदिन लगातार ऑक्सीजन परिवहन के लिए राजस्थान को तत्काल कम से कम 54 अतिरिक्त टैंकरों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन आवंटन का तो नेशनल प्लान बनाया है, लेकिन राज्यों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सबसे जरूरी माध्यम क्रयोजेनिक टैंकर के आवंटन के लिए कोई योजना नहीं बनाई है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में देश में राजस्थान ही ऎसा राज्य है, जो टैंकरों की कमी की समस्या से सबसे अधिक प्रभावित है। टैंकरों की कमी के कारण वर्तमान में उपलब्ध केवल 23 टैंकरों से ही 24 घंटे बिना रुके ऑक्सीजन का उठाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार इस दिशा में पहल कर राज्यों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप टैंकरों की न्यायसंगत उपलब्धता सुनिश्चित करवाए। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि महामारी से मुकाबले के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ ही समाज के हर वर्ग सहयोग और समर्पण की भावना के साथ मिलकर जुटना होगा, तभी हम इस संकट का सफलतापूर्वक सामना कर पाएंगे।

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