प्रेक्टिकल एक्जाम के नाम पर निजी स्कूल संचालक बच्चों की जिंदगी से कर रहे है खिलवाड़ - संयुक्त अभिभावक संघ

जयपुर। सोमवार को शहर के कई स्कूलों ने बन्द के बावजूद बच्चों को स्कूल बुलाकर ली परीक्षा। संघ ने कहा " रोड़ पर निकलने वाली जनता पर जुर्माना वसूला जा रहा है तो निजी स्कूल तो बच्चों को मारने पर तुले है उन पर कार्यवाही क्यो हो रही है

पिछले दो दिनों से शहर में वीकेंड कर्फ्यू लगने के बाद सोमवार को सरकार ने कुछ ढ़ील दी किन्तु कुछ निजी स्कूल संचालकों ने उस ढ़ील का नाजायज फायदा उठाते हुए। स्कूलों में प्रैक्टिकल एक्जाम का प्रोपोगंडा रचकर बच्चों तक कि जिंदगी को दांव पर लगा दिया। संयुक्त अभिभावक संघ ने स्कूलों के इस बर्ताव का कड़ा विरोध किया और सरकार व प्रशासन से निजी स्कूलों की इस हरकत पर कार्यवाही की मांग की, संघ ने कहा कि जब " प्रदेश की आम जनता अपने काम-धन्धो को लेकर घरों से बाहर निकल रही है तो सरकार और प्रशासन कोरोना के नाम पर जुर्माना वसूल रहे है। किंतु जब यही निजी स्कूल संचालक केवल फीस वसूलने के माध्यम बनाकर स्कूलों में प्रेक्टिकल एक्जाम के षड्यंत्र रचकर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है। 

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा प्रेक्टिकल एक्जाम रखकर बच्चों को स्कूल बुलाने पर राज्य सरकार और प्रशासन को कार्यवाही करनी चाहिए। वर्तमान परिस्थिति इतनी विकट है कि देशभर में लाखों की संख्या में बच्चे कोरोना संक्रमित पाए जा रहे है तो ऐसी स्थिति में बच्चों को एक्जाम के नाम पर स्कूलों में क्यो बुलाया जा रहा है। प्रदेश में 5 हजार से अधिक 5 साल के बच्चे कोरोना संक्रमित है जबकि 18 साल के आंकड़ों को देखे तो इसकी संख्या 25 हजार से अधिक है ऐसी स्थिति में एक्जाम रखना बच्चों को मौत के मुंह में डालने के समान है। 

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि शहर ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में सरकार ने कर्फ्यू लगाया हुआ है खुद मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को सतर्कता बरतने की नसीहत दे रहे है, शिक्षा मंत्री ने भी शिक्षा विभाग के आदेश की कॉपी को ट्वीट कर सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने की जानकारी दी है तो उसके बावजूद निजी स्कूलों का स्कूल खोलने राजद्रोह के समान है। सरकार को ऐसे स्कूलों पर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए जो राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना कर रहे हो। 

अभिषेक जैन ने कहा कि सोमवार को संगठन के हेल्पलाइन नम्बर पर अजमेरी गेट के पास स्थित एमजीडी स्कूल की जानकारी मिली थी कि यह स्कूल ने साइंस के स्टूडेंट्स को सुबह 7.30 बजे प्रेक्टिकल देने के लिए बुलाया वहीं अन्य स्टूडेंट्स को सुबह 10.15 बजे स्कूल बुलाया गया।  इसी प्रकार कैम्ब्रिज कोर्ट और ज्ञान आश्रम स्कूल ने भी प्रेक्टिकल एक्जाम के लिए बच्चों को स्कूल बुलाया है। साथ ही इन्होंने अपने सभी टीचर्स को स्कूल में बुलाया। ऐसी विकट स्थिति में भी अगर निजी स्कूल संचालक सरकार के आदेश की अवमानना कर रही है इंसानियत को मारने का काम कर रहे है तो राज्य सरकार को इन निजी स्कूलों की एनओसी रद्द कर देनी चाहिए और राजद्रोह का मामला दर्ज कर कार्यवाही करनी चाहिए। इनकी इस हरकतों की वजह से पूरे प्रदेश की स्थिति बद से बदतर हो सकती है। 

Comments

Popular posts from this blog

धरी रह गई बस मालिक की चालाकी, उच्च न्यायालय का निर्णय बना सड़क सुरक्षा की नई '"नजीर"

राष्ट्र के उत्थान में महिलाएं निभा रही है विशेष भूमिका - शर्मा

सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती