बॉलीवुड के मशहूर कव्वाल फरीद साबरी नहीं रहे
निमोनिया से थे बीमार...
घाटगेट कब्रिस्तान के मिस्कीन शाह कब्रिस्तान में किया सुपुर्द-ए- खाक
जयपुर। मशहूर कव्वाल फरीद साबरी अब हमारे बीच नहीं रहे। अपनी कव्वालियों से बॉलीवुड और देश-दुनिया में बड़ा नाम कमाने वाले फरीब साबिर का आज सुबह जयपुर में इंतकाल हो गया।*
साबरी ब्रदर्स कव्वाल पार्टी की जोड़ी उस समय टूट गई, जब बुधवार को देश के जाने मानी कव्वाल जोड़ी साबरी ब्रदर्स के फरीद साबरी का बुधवार की सुबह जयपुर में इंतकाल हो गया। साबरी 60 वर्ष के थे।
साबरी ब्रदर्स के अमीन सबरी ने बताया कि फरीद साबरी बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे।
साबरी ने आज अलसुबह इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मंगलवार रात को फरीद साबरी की तबीयत काफी बिगड़ गई थी। उन्हें निमोनिया बताया जा रहा था। उसके बाद में उन्हें अस्पताल भर्ती कराया गया। लेकिन बुधवार को सुबह उनका इंतकाल हो गया।
फरीद साबरी के भाई अमीन साबरी के मुताबिक फरीद साबरी की तबीयत मंगलवार रात ही बिगड़ी थी।
उससे पहले उनकी तबीयत ऐसी कुछ खास खराब नहीं थी। लेकिन सब कुछ इतनी आनन-फानन में हुआ कि कुछ पता ही नहीं चल सका।
डॉक्टर से मिली जानकारी के मुताबिक डाईबीटीज की वजह से उनकी किडनी और लंग्स पर इसका काफी असर हुआ था। जिससे उनका निमोनिया बिगड़ गया था।
फरीद साबरी बॉलीवुड की कई फिल्मों में "देर ना हो जाए कहीं देर ना हो जाए.." जैसे कई मशहूर गानों को अपनी आवाज दे चुके हैं।
फरीद साबरी राजधानी जयपुर के चार दरवाजा इलाके के रहने वाले थे।
जैसे ही उनके चाहने वालों को उनके इंतकाल की खबर मिली लोगों ने अपने दुख दर्द का इजहार करते हुए कहा संगीत जगत का एक ओर गुलशन सितारा चला गए।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार दोपहर को 2 बजे उनको जयपुर के घाट गेट इलाके में स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया।
इससे पूर्व उनके पार्थिव शरीर को जयपुर के घाटगेट इलाके में स्थित उनके पुश्तैनी मकान मथुरा वालों की हवेली लाया गया। यहां परिवार की ओर से दोपहर को सभी आखिरी रस्म-रिवाज पूरी की गई
यहां से दोपहर बाद उनका जनाजा घाट गेट के मिस्कीन शाह कब्रिस्तान के लिये रवाना हुआ। फरीद साबरी को मिस्कीन शाह कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए- खाक किया गया।
अमीन साबरी ने बताया कि हमने लोगों से अपील कि थी कि जनाजे में ज्यादा लोग शामिल ना हो, क्योंकि कोरोना के चलते हालात बड़े मुश्किल हैं। ऐसे में कोरोना वायरस की चैन को रोकने के लिए जरूरी है कि कम से कम लोग उनके जनाजे में शामिल हो।
गौरतलब है कि मशहूर सूफी कव्वाल सईद साबरी के दोनों बेटों फरीद साबरी और अमीन साबरी को साबरी ब्रदर्स के रूप में पहचान मिली थी।
फिल्म हीना में गाए " देर ना हो जाए कहीं देर ना हो जाए.." कव्वाली से दोंनों भाइयों ने बॉलीवुड में भी खास मुकाम हासिल किया था।
फरीद साबरी जोड़ी में फरीद,अमीन से बड़े थे। साबरी ब्रदर्स वतन परस्ती का जोश भरने के लिए कव्वाली किया करते थे।
बॉलीवुड में काफी मशहूर रही है यह जोड़ी
गौरतलब है कि फरीद साबरी और अमीर साबरी की जोड़ी बॉलीवुड में काफी मशहूर रही है। साबरी बंधु एक लंबे अरसे से जयपुर में कव्वालियां गाते रहे हैं। उनकी कव्वालियां देश-विदेश में काफी मशहूर हैं। साबरी बंधु की जोड़ी में से फरीद साबरी का इस दुनिया से रुखसत होना अपने आप में काफी दुख की खबर है।
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