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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

राजस्थानी भाषा के संरक्षण में कारगर साबित होगा कैलेंडर

राजस्थानी भाषा के पहले कैलेंडर का लोकार्पण...

जयपुर। भारतीय काल गणना पर आधारित राजस्थान भाषा में तैयार पहले कैलेंडर का लोकार्पण शुक्रवार को नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने किया।

लोकार्पण के अवसर पर धीरज ने कहा कि राजस्थानी भाषा, कला और संस्कृति देश दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है अब राजस्थानी भाषा में पहली बार तैयार कैलेंडर राजस्थानी भाषा के प्रति आम लोगों में भाषाई ज्ञान को बढ़ाने में कारगर साबित होगा।

राजस्थानी भाषा अर संस्कृति प्रचार मंडल, अहमदाबाद के सहयोग से तैयार यह कैलेंडर राजस्थानी भाषा, धार्मिक स्थलों ,पर्यटक स्थलों, राजस्थानी खानपान सहित कला और संस्कृति से जुड़े हुए स्थलों से रूबरू करवाएगा।

धीरज ने कहा कि राजस्थान फाउंडेशन लगातार प्रवासी राजस्थानियों को उनकी मातृभूमि से पुनः जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। वर्ष 2001 में गठित फाउंडेशन ने देश दुनिया में फैल रही महामारी कोरोना से बचाने के लिए प्रवासियों राजस्थानियों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए भी बहुत सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में प्रवासी राजस्थानियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए फाउंडेशन निरंतर प्रयासरत हैं।

ज़ूम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाइव लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल जैन एकेडमी ऑफ स्कॉलर्स के नरेंद्र भंडारी ने कहां कि इस कलैंडर से हमें चांद, सूरज और नक्षत्रों की गति की जानकारी भी आसानी से मिलती है । यह कलैंडर ना केवल तारीख वरना ऋतुओं के बारे में भी सभी को ज्ञानवर्धक जानकारी देगा।

राजस्थानी भाषा की पत्रिका ‘‘माणक‘‘ के संपादक पदम् मेहता ने कहा कि राजस्थानी भाषा वैदिक काल से ही मौजूद रही है अब हमें इसे संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए पुरजोर कोशिश करनी होगी।

राजस्थानी भाषा के कलैंडर लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र पोखरना और सुनील मंडावत ने किया। इस अवसर पर प्रेमचंद पटवा ने राजस्थानी भाषा कला और संस्कृति से जुड़े गणमान्य लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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