जांच के बाद आकस्मिक स्थिति का करें त्वरित समाधान - संभागीय आयुक्त
नोडल अधिकारी कोविड केयर हॉस्पिटल्स पर ‘‘राउण्ड द क्लॉक’’ नजर बनाए रखें...
यादव ने गुरूवार को जिला कलक्टे्रट सभागार में नोडल अधिकरियों की बैठक में यह निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि सभी नोडल अधिकारी उनके दायित्व वाले अस्पतालों में स्वयं एवं अपने स्टाफ के जरिए ‘‘राउण्ड द क्लॉक’’ उपस्थिति बनाए रखें। किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति की सूचना प्राप्त होते ही स्वयं मौके पर पहुंचकर तथ्यों की पड़ताल करेंं, स्थिति के वैरिफिकेशन के बाद ही उच्चाधिकारियों से इसे शेयर करते हुए उत्पन्न गंभीर स्थिति के त्वरित समाधान के प्रयास करें। ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए भी सम्बन्धित अधिकारियों से सीधे सम्पर्क कर स्थिति का समाधान कराएं।
उन्होंने कहा कि जन जागरूकता पखवाडे़ की पालना के लिए भी इंसीडेंट कमाण्डर्स द्वारा प्रवर्तन एवं अन्य प्रकार से सख्ती बरती जानी आवश्यक है। यदि किसी नोडल अधिकारी या अन्य अधिकारी को भी कर्ही इसका उल्लंघन नजर आए तो पुलिस एवं इंसीडेंट कमाण्डर्स को तुरन्त सूचित करें। यादव ने नोडल ऑफिसर्स के गु्रप पर आवश्यक जानकारी अपडेट करने के निर्देश दिए जिससे अद्यतन स्थिति की जानकारी सभी को मिल सके।
जेडीसी गौरव गोयल ने कहा कि अब शहर में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अस्पतालों मेें बैड विद ऑक्सीजन, बैड विद वेंटीलेटर बढाए जाने के प्रयास किए जाएं। इसके लिए साधन रहित अस्पताल जिन्हें पहले की परिस्थितियों में कोविड केयर हॉस्पिटल बना दिया गया था से मान्यता वापस लेकर ऎसे बडे़ अस्पतालों को कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा जहां बड़ी संख्या में बैड, ऑक्सीजन एवं चिकित्सकीय संसाधन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। उन्होंने सभी नोडल ऑफिसर्स को कोविड केयर हॉस्पिटल्स में स्वागत कक्ष या हैल्पलाइन कक्ष पर चिकित्सा सेवाओं की निर्धारित दरें चस्पा करने के निर्देश दिए, जिससे किसी से ज्यादा राशि नहीं वसूल की जा सके। साथ ही इस सम्बन्ध में मरीजों के अटेण्डेंट से पूछताछ करें और सीसी टीवी की भी सहायता ली जा सकती है।
उन्होेंने कहा कि यह भी कोशिश की जाए कि केवल चिकित्सकीय स्थिति के अनुसार आवश्यक मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया जाए, अन्य को घर पर ही इलाज के लिए प्रेरित किया जाए। इसमें टेली मेडिसिन या फोन पर चिकित्सक से कन्सल्टेशन की व्यवस्था के प्रयास किए जाएं। हर चिकित्सालय में एक आंतरिक कमेटी भी होनी चाहिए जो मरीज की स्थिति के अनुसार भर्ती किए जाने या नहीं किए जाने के सम्बन्ध में निर्णय ले जिससे वास्तव में क्रिटिकल मरीजों को त्वरित और बेहतर इलाज मिल सके।
जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने सभी नोडल अधिकारियों को रेमडिसिविर के वितरण की व्यवस्था की जानकारी दी एवं कहा कि ऎसे बडे़ अस्पतालों का चयन कोविड केयर सेेंटर के लिए किया जाए जहां ऑक्सीजन के उपलब्धता के अनुसार अधिक संख्या में बैड तैयार कराए जा सकेंं। इस बैठक में अतिरिक्त आयुक्त पुलिस अजयपाल लाम्बा, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम इकबाल खान, चतुर्थ अशोक कुमार, दक्षिण शंकरलाल सैनी, दोनों मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नोडल आरएएस अधिकारी एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए।
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