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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

नीरव मोदी के भारत में प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की गृह मंत्री ने दी मंजूरी

नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यपर्ण को लेकर ब्रिटेन में कार्रवाई तेज हो गई है। ब्रिटेन के गृह विभाग ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) काफी समय से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में आरोपी नीरव के प्रत्यर्पण का इंतजार कर रही है।


सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। जांच से जुड़े सीबीआई के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "ब्रिटेन की गृह मंत्री ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण अनुरोध को मंजूरी दे दी है।"

यह पूछे जाने पर कि सीबीआई को नीरव को वापस भारत लेकर आने में कितना समय लग जाएगा, जिसे मार्च 2019 में गिरफ्तारी के बाद से लंदन की जेल में रखा गया है, इस पर सूत्र ने कहा कि अगर नीरव मोदी अपील दायर करता है, तो इसमें कुछ समय लग सकता है। इस साल 25 फरवरी को ब्रिटेन की एक अदालत ने 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाला मामले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी।

केंद्र सरकार 2018 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून लाई थी, जिसमें भगोड़े अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान है। जब्त करने का आदेश निकलने के 90 दिन बाद इन संपत्तियों को नीलाम किया जा सकता है। इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत नीरव मोदी की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है।

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजे ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए मोदी के खिलाफ प्रथम ²ष्टया सबूत को स्वीकार करते हुए कहा था, "इनमें से कई मामले भारत में मुकदमे के लिए हैं। मैं फिर से संतुष्ट हूं कि इस बात के सबूत हैं कि उन्हें दोषी ठहराया जा सके।"

सीबीआई ने तब भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों में ब्रिटेन की अदालत के फैसले को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया था। लगभग दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद यह फैसला सुनाया गया था।

भारत में हिरासत की स्थिति और चिकित्सा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए, अदालत ने कहा था, "बैरक 12 में स्थितियां (मुंबई में आर्थर रोड जेल में) लंदन में उनके वर्तमान सेल से कहीं बेहतर दिखती हैं।"

नीरव मोदी के पक्ष में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी बिगड़ती सेहत और भारतीय जेलों की खराब स्थितियों को देखते हुए उन्हें भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है। 19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किए गए मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग, सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने की साजिश रचने का आरोप है।

नीरव मोदी के मामा और गीतांजलि समूह के प्रमुख मेहुल चोकसी भी इस मामले में आरोपी है और उसके खिलाफ भी जांच की जा रही है। 

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