Featured Post

सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

Image
जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

दलितों के बच्चों की पढ़ाई में अब नहीं दिखेगी कोई कोताही, स्कालरशिप के लिए नई गाइडलाइन तय

नई दिल्ली। अनुसूचित जाति के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए फिलहाल केंद्र सरकार फिक्रमंद है। यही वजह है कि केंद्र ने एससी पोस्टमैट्रिक स्कालरशिप स्कीम की जो नई गाइडलाइन तैयार की है, उनमें शैक्षणिक संस्थानों को अब इन बच्चों को पढ़ाना ही होगा। 

इस नई गाइडलाइन में वहीं शैक्षणिक संस्थान पात्र भी होंगे, जो गुणवत्ता के तय मानकों को पूरा करेंगे। जिसमें 2024 तक ऐसे उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक की मान्यता हासिल करना जरूरी होगा, अन्यथा उन्हें वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी।

एससी पोस्टमैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के फंडिग पैटर्न में बड़े बदलाव के बाद केंद्र ने अब नई गाइडलाइन को भी मंजूरी दी है। जिसे सभी राज्यों को अमल के लिए भेजा गया है। इस स्कीम को जो बड़े बदलाव किए गए हैं, उनमें बच्चों को स्कूल या कालेज आना ही होगा। साल में 75 फीसद उपस्थिति जरूरी होगी। उपस्थिति आधार कार्ड पर आधारित होगी। इसे संस्थानों को समय-समय पर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। 

साथ ही पढ़ाई करने वाले बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन की भी जानकारी साझा करनी होगी। यानी स्कीम के तहत कोई बच्चा स्नातक की पढ़ाई कर रहा है, तो पहले साल उसका रिजल्ट कैसा था। दूसरे साल में कुछ बेहतर हुआ या नहीं। फिलहाल इस पहल से शिक्षा मंत्रालय की सभी को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की मुहिम में भी मदद मिलेगी।

Comments

Popular posts from this blog

आम आदमी पार्टी के यूथ विंग प्रेसिडेंट अनुराग बराड़ ने दिया इस्तीफा

1008 प्रकांड पंडितों ने किया राजस्थान में सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान

धरी रह गई बस मालिक की चालाकी, उच्च न्यायालय का निर्णय बना सड़क सुरक्षा की नई '"नजीर"