रिफाइनरी से विकास की बुलंदियों को छुएगा राजस्थान - मुख्यमंत्री
रिफाइनरी की प्रगति पर समीक्षा बैठक...
कोविड की विपरीत परिस्थितियों में भी समय पर पूरा हो प्रोजेक्ट
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि बाड़मेर के पचपदरा में निर्माणाधीन राजस्थान रिफाइनरी पूरे राजस्थान और विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र के लोगों का एक बड़ा सपना है, जिसके साकार होने से राज्य का आर्थिक विकास नई बुलंदियों को छुएगा। कोविड की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को प्रोजेक्ट के निर्माण कार्याें में तेजी लाने के लिए परियोजना की सहभागी कम्पनी हिन्दुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) के साथ सभी स्तर पर आगे बढ़कर सहयोग करने के निर्देेश दिए।
गहलोत सोमवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) परियोजना के निर्माण कार्याें की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संभव है कि कोरोना महामारी के कारण इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के कार्याें पर कुछ प्रतिकूल असर पड़ा हो, लेकिन एचपीसीएल के अधिकारी अपने संसाधनों को बढ़ाकर इसे और अधिक गति दें।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि राजस्थान के विकास की दृष्टि से इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की एचपीसीएल प्रबंधन द्वारा लगातार गहन मॉनिटरिंग की जा रही है। श्री गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभागों के स्तर पर लंबित मुद्दों एवं प्रकरणों को परियोजना के अधिकारियों के साथ समन्वय कर जल्द से जल्द निस्तारित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माण स्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाए और किसी भी श्रमिक के संक्रमित पाए जाने पर उन्हें तुरंत चिकित्सकीय सहायता मिले।
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने एचपीसीएल के अधिकारियों से प्रोजेक्ट साइट पर सघन पौधारोपण की योजना तैयार करने को कहा। साथ ही कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप विकास कार्यों की योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करने का सुझाव दिया।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि रिफाइनरी क्षेत्र में विद्यालय और अस्पताल के लिए एचआरआरएल को भूमि आवंटन, इंदिरा गांधी नहर से पानी, रिफाइनरी क्षेत्र को ‘निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित करने, आस-पास के गांवों से सड़क संपर्क तथा जोधपुर में टाउनशिप के लिए उपयुक्त भूमि के आवंटन, कौशल प्रशिक्षण केन्द्र आदि आवश्यकताओं से जुड़ी समस्त प्रक्रियाएं जल्द से जल्द पूरी की जाएंगी।
एचपीसीएल के सीएमडी एम.के. सुराणा ने बताया कि 43 हजार 129 करोड़ की इस परियोजना में इस साल 31 मार्च तक 37 हजार 124 करोड़ रूपए के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं और अब तक रिफाइनरी से जुड़े विभिन्न कार्याें पर 7100 करोड़ रूपए व्यय किए जा चुके हैं। कोविड की विषम परिस्थितियों के बावजूद निर्माण गतिविधियों को निरंतर गति दी जा रही है। बीते पांच माह में 15 हजार करोड़ रूपए के कार्यादेश जारी किए गए हैं और इस अवधि में करीब 2500 करोड़ रूपए के काम हुए हैं। रिफाइनरी और पेट्रोकैमिकल्स प्रोजेक्ट की कुल 13 इकाइयों में से 7 पर निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। विभिन्न साइट्स पर करीब 8 हजार श्रमिक लगातार काम कर रहे हैं। एचआरआरएल के सीईओ श्री शेखर गायकवाड़ ने रिफाइनरी की अब तक की प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार गोविंद शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार, रीको के प्रबंध निदेशक आशुतोष एटी पेंडनेकर, प्रबंध निदेशक राजस्थान राज्य खान एवं खनिज निगम लिमिटेड श्री ओम प्रकाश कसेरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
जलदाय, पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन, श्रम एवं नियोजन, नगरीय विकास, रीको आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा बाड़मेर के जिला कलक्टर, जोधपुर विकास प्राधिकरण तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी भी वीसी के माध्यम से जुड़े।
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