पुजारी व पुरोहितों ने निभाई परंपरा, महाकाल के आंगन में पहली बार बिना भक्तों के मनी होली

उज्जैन। राजाधिराज भगवान महाकाल के आंगन में रविवार को ज्ञात इतिहास में पहली बार बिना भक्तों के होली मनाई गई। संध्या आरती में पुजारियों ने भगवान महाकाल को गुलाल अर्पित कर होली मनाई। इसके बाद परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होलिका का पूजन कर दहन किया। सोमवार तड़के चार बजे भस्मारती में भी बिना भक्तों के होली मनाई जाएगी। राजाधिराज टेसू के फूलों से बने रंग से होली खेलेंगे।

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच रविवार को उज्जैन शहर में लॉकडाउन रहा। नौ महीने 21 दिनों के बाद महाकाल मंदिर भी बंद रहा। यहां विभिन्न द्वारों पर ताला लगा दिया गया था। इसके बाद महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों की अग्रिम बुकिंग को निरस्त कर दिया गया। भक्तों के लिए मंदिर के द्वार बंद रहे, केवल पुजारियों ने परंपरागत पूजा-अर्चना की। शाम 7.30 बजे संध्या आरती में भगवान को गुलाल अर्पित किया गया। इसके बाद निर्धारित संख्या में मौजूद पुजारी, पुरोहितों ने परिसर में होली जलाई। पूजन के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया गया।

 

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