कोरोना से बचाव के लिए जन जागरूकता का कार्य भी मानव सेवा -आयुक्त, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग


आयुक्त महेन्द्र सोनी ने किया जागरूकता प्रदर्शनी का अवलोकन


प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे मास्टर टे्रनर्स को किया सम्बोधित

प्लाज्मा डोनेशन के लिए भ्रांतियां दूर कर जनजागरूकता की बताई महती आवश्यकता

 

जयपुर। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त एवं विशिष्ट शासन सचिव महेन्द्र सोनी ने कहा है कि कोरोना के प्रति जनजागरूकता का कार्य एक बड़ा महत्वपूर्ण एवं मानव सेवा का कार्य है क्याेंकि अभी कोरोना का खतरा बना हुआ है। इस कार्य में लगे लोगों को बिना थके, पूरा उत्साह बनाए रखते हुए अपना काम जारी रखना है। साथ ही कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए लोगों की भ्रांतियां दूर कर उन्हें भी प्लाज्मा डोनेशन के लिए जागरूक किए जाने की महती आवश्यकता है। 

 

सोनी ने सोमवार को यहां राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, बनीपार्क में जिला स्तरीय कोरोना जनजागरूकता प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद विभिन्न विभागों के मास्टर टे्रनर्स को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।  उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में राजस्थान मॉडल को अब देश और दुनिया में मान्यता और सराहना मिल चुकी है। यहां देशभर में प्रति मिलियन सर्वाधिक जांचें हुई हैं।  प्रदेश में प्रतिदिन 28 हजार से ज्यादा जांचें की जा रही हैं।

 

उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर, चाहे जरूरतमंदों को दो वक्त का भोजन प्रदान करना हो, बड़ी आबादी तक गेहूं, दाल पहुंचाने की बात हो या सामाजिक सुरक्षा पेंशन, आर्थिक संबल प्रदान करने की बात हो, प्रदेश अग्रणी रहा है। राजस्थान में कोरोना के कारण होने वाली मृत्युदर अन्य राज्यों से काफी कम एवं रिकवरी रेट ज्यादा है। राज्य सरकार ने हाल ही 40 हजार की कीमत वाला इंजेक्शन भी जरूरमंद व्यक्तियों को निःशुल्क देने की घोषणा की है। 

 

आयुक्त एवं विशिष्ट शासन सचिव ने कहा कि हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ रहे हैंं। देश में यह औसत करीब 40 हजार प्रतिदिन का और प्रदेश में 1 हजार संक्रमित व्यक्ति प्रतिदिन का हो रहा है। 


उन्होंने कहा कि इस पूरे परिदृश्य में कोरेाना से बचाव के लिए जनजागरूकता कार्य में लगे लोगोें की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्हें सारी परिस्थिति को समझकर लोगों को बताना होगा कि कुछ सरल और सामान्य बातें भी जीवन में अपना ली जाएं तो कोरोना से बचा जा सकता है। इसके अलावा उन्हें कोरोना से ठीक होने के बाद लोगोें को प्लाज्मा थैरेपी के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में भी काम करना होगा। प्लाज्मा थैरेपी के प्रति भ्रांतियों को दूर कर उन्हें यह बताना होगा कि जिस तरह रक्तदान लोगों के जीवन की रक्षा करता है और इससे देने वाले को भी खुशी मिलती है, उसी तरह प्लाज्मा थैरेपी के लिए प्लाज्मा डोनेशन करने वाले को कई जीवन बचाने का पुण्य हासिल होता है। 

 

सोनी ने कहा कि आज लोगों को अपना नजरिया बदलने के लिए समझाइश करने की जरूरत है। शादी जैसे कार्यक्रमों को अगर सादगी से, निर्धारित व्यक्ति संख्या की सीमा में ही सम्पन्न किया जाए तो एक ओर कोरोना संक्रमण की आशंका से तो दूसरी ओर फिजूलखर्ची से बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति का कोरोना संक्रमण की आशंका के कारण टेस्टिंग हेतु सैम्पल लिया गया है, उसे टेस्टिंग का परिणाम आने तक घर पर ही रुकना चाहिए और लोगों से घुलना मिलना नहीं चाहिए। क्योंकि ऎसे 100 व्यक्तियों में से 4-5 के भी पॉजिटिव आने पर पूरी नई चेन प्रारम्भ हो जाती है।

 

आयुक्त ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां प्रारम्भ हो चुकी हैं क्याेंकि जीविका के साथ आजीविका भी जरूरी है, लेकिन भीड़-भाड़ वाली जगहों, सब्जी मण्डियों में सोशल डिस्टेंसिंग की के प्रति लापरवाही भी देखी जा रही है। हमें कोरोना को कतई हलके में नहीं लेना, यह संदेश सभी तक पहुंचाना भी हमारी जिम्मेदारी है। हांलाकि घबराना बिल्कुल नहीं है। कोरोना पॉजिटिव मिल रहे लोगों के सम्मान में भी कमी नहीं आनी चाहिए। सावधानी, समय पर जांच और सही इलाज से यह रोग आसानी से ठीक भी हो जाता है। 

 

सोनी ने प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद इसे आम-जन के लिए काफी उपयोगी बताया। उन्होंने वहां सेल्फी प्वाइंट पर सतर्कता सेल्फी  खिंचवाई एवं शपथ बोर्ड पर हस्ताक्षर भी किए। एसएमएस स्किल लैब के मास्टर टे्रनर राजकुमार राजपाल एवं राधेलाल ने आयुक्त सोनी को प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की और आने वाले दिनों में प्रशिक्षण विस्तार की गतिविधियों के बारे में भी बताया

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