सोशल मीडिया पर पत्रकारिता विचारों की अभियक्ति का सशक्त माध्यम - सुधांशु त्रिवेदी
‘‘वोकल फाॅर लोकल’’ ‘‘लोकल टू ग्लोबल’’ का आह्नान आत्मनिर्भर भारत के नींव की ईंट
जयपुर। ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’’ के अन्तर्गत आयोजित ‘‘वर्चुअल वेब डायलाॅग’’ में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सम्बोधित किया। त्रिवेदी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मीडिया जगत में बढ़ते सोशल मीडिया, ब्लाॅगर्स, स्वतंत्र पत्रकार, यू-ट्यूब चैनल एवं वेब पोर्टल्स का प्रभाव आज साफ नजर आता है। सोशल मीडिया पर स्वतंत्र लेखकों की भूमिका एवं योगदान विचार अभिव्यक्ति के सशक्त माध्यम बन गये है। उन्होंने कहा कि मीडिया जगत के इस नये रूप को भारत की जनता द्वारा पसंद किया जाना इस बात का सबूत है की आज प्रत्येक भारतीय के हाथ में मोबाईल में न्यूज अपडेट किसी भी घटना के घटित होते ही तुरन्त हो जाती है।
त्रिवेदी ने पत्रकारों द्वारा किये गये सवालों के जवाब देते हुए कहा कि भाजपा में लोकतंत्र समाप्त हो जाने का आरोप लगाने वाले नेताओं से मैं पूछना चाहता हूँ कि कांग्रेस का आन्तरिक लोकतंत्र गाँधी परिवार के इर्द-गिर्द ही क्यों घूमता है? जबकि भाजपा मंे पार्टी का अध्यक्ष कोई भी सामान्य कार्यकर्ता बन सकता है। पिछले 40 साल में कई कार्यकर्ता उस अध्यक्ष के पद को सुशोभित कर चुके है। वहीं कांग्रेस में गाँधी राजवंश का ही दबदबा रहता है।
त्रिवेदी ने आत्मनिर्भर भारत एवं स्वदेशी पर पूछे गये प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि निश्चित रूप से वोकल फाॅर लोकल और लोकल से ग्लोबल होने के लिए जनमानस में परिवर्तन होना बहुत आवश्यक है। सरकार अपनी भूमिका तो निभा ही रही है और उसका उदाहरण है की आसियान में भारत ने विभिन्न देशों से किए करार से बाहर निकलने से आज कई वस्तुएं निर्यात और आयात करने की स्वतंत्रता उन्हें मिली है। नहीं तो हम पर कई तरह की अन्तर्राष्ट्रीय करारों को तोड़ने पर कानूनी कार्यवाही की बाध्यताएं रहती और हाल ही में केन्द्र सरकार ने वोकल फाॅर लोकल में प्रतिबद्धता दिखाते हुए रेलवे से लेकर कई सरकारी विभागों ने चीन से किए गए करार खत्म किए है तथा चीनी उत्पादों के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाया है।
त्रिवेदी ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा डिजिटल मीडिया पर पाबंदी लगाने का जो निर्णय है उस पर भी निश्चित रूप से विचार किया जायेगा और पीआरबी अधिनियम 1867 विधेयक में संशोधन नहीं हो पाने के कारण से कुछ राज्यों ने डिजिटल मीडिया को मान्यता पर प्रश्न चिन्ह लगा रखा है, उस पर भी विचार किया जायेगा।
वेब डायलाॅग की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डाॅ. अरूण चतुर्वेदी ने की। डाॅ. चतुर्वेदी ने विगत लम्बे समय से मीडिया जगत में आये इस बदलाव पर चर्चा करते हुए कहा कि किसी समय सूचना का माध्यम अखबार और रेड़ियो हुआ करते थे। इसमें धीरे-धीरे परिवर्तन हुआ, फिर टीवी एवं टीवी के साथ में न्यूज चैनल्स और धीरे-धीरे क्रांतिकारी परिवर्तन के रूप में सोशल मीडिया का प्रादुर्भाव हुआ तथा आज विचारों की अभियक्ति के लिए ब्लाॅग्स, यू-ट्यूब, वेब पोर्टल एवं सोशल मीडिया का सशक्त माध्यम बन गया है।
कार्यक्रम का संचालन प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी नीरज जैन ने किया, स्वागत उदयपुर मीडिया प्रभारी चंचल अग्रवाल एवं पंकज निहालवानी ने किया, धन्यवाद ज्ञापन जोधपुर मीडिया प्रभारी अचल सिंह मेड़तिया ने किया।
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