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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

प्रत्येक पात्र व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार - मीना



जयपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद मीना ने कहा कि दुनियाभर के देशों की सरकारें अपने नागरिकों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए पुरजोर तरीके से कार्य कर रही है इसी दिशा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए इसी ध्येय वाक्य को उद्देश्य बनाकर विभाग कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

मीणा ने रविवार को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर यह बात कही।उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा द्वारा दिसंबर 2018 में खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया । उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व की बड़ी आबादी कोरोना महामारी से प्रभावित है ऎसे में आमजन को खाद्य सुरक्षा प्रदान किया जाना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।

 

’कोरोना काल में निशुल्क गेहूं का किया वितरण’

खाद्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा  निशुल्क गेहूं का वितरण किया गया जिस पर  सरकार द्वारा 114 करोड़ रुपए का  भार वहन किया गया। इसके अतिरिक्त राज्य  में केन्द्र  की एनएफएसए की सीमा से अधिक दर्ज परिवारों को राज्य सरकार द्वारा अपने खर्च पर गेहू दिया गया। प्रदेश में लाकडाउन अवधि के दौरान तीन करोड़ से अधिक ड्राई राशन पैकेट एवं पकी हुई खाद्य सामग्री का वितरण किया गया।

 

’सामान्य दिनों से 3 गुना गेहूं का उठाव कर आमजन को दी राहत’

श्री मीणा ने बताया कि प्रदेश में आमजन को कोरोना काल में खाद्य सुरक्षा के लिए सामान्य दिवसों से तीन गुना गेहूं का उठाव और दोगुना गेहूं का वितरण कर राहत प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में कालाबाजारी, जमाखोरी एवं एमआरपी से ज्यादा पैसा वसूलने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई कर आमजन को उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई गई।

 

’जैविक खेती को बढ़ावा देने की है जरूरत’

खाद्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में जो खाद्यान्न उगाया जा रहा है उसमें रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है जिससे फसले जहरीली होती जा रही है और कैसर सहित गम्भीर बीमारियों का कारण बन रही है।  ऎसे में जैविक खेती को वर्तमान समय में बढ़ावा देने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में खान-पान की वस्तुओं में जिस प्रकार से मिलावट हो रही है वह चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि खाद्य वस्तुओं में मिलावट को रोकने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत  केंद्र सरकार से सख्त कानून बनाने के लिए कह चुके हैं।


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