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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

देशी नस्ल के गौवंश की डेयरी स्थापना के लिए मिलेगा ऋण, लाभार्थी को बैंकों से 90 प्रतिशत तक ऋण सुविधा, ऋण चुकाने पर 30 प्रतिशत सब्सिडी



जयपुर। जिला कलक्टर एवं जिला गौपालन समिति के अध्यक्ष डॉ.जोगाराम ने बताया कि ‘‘कामधेनू डेयरी योजना’’ के अन्तर्गत स्वरोजगार के लिए नवयुवक, महिलाएं, इच्छुक पशुपालक, गौ पालक, कृषक पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति अनुसार दूधारू देशी गौवंश का संर्वधन कर देसी उन्नत गौवंशों की डेयरी लगा सकते हैं।

 

डेयरी लगाने के लिए इच्छुक एवं पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों को 30 जून 2020 तक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। डॉ.जोगाराम ने बताया कि ‘‘कामधेनू डेयरी योजना’’ के अ्रन्तर्गत जिले में पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के माध्यम से कामधेनू डेयरियां खोली जाएंगी। इस डेयरी में उच्च दुग्ध क्षमता वाली एक ही नस्ल के 30 गौवंश होगें। 

 

उन्होंने बताया कि डेयरी खोलने के लिए लाभार्थी के पास पर्याप्त स्थान एवं हरा चारा उत्पादन करने के लिए कम से कम एक एकड़़ भूमि होनी चाहिए। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 36 लाख रूपये निर्धारित की गई है। इसमें लाभार्थी को 10 प्रतिशत राशि स्वयं द्वारा वहन करनी होगी एवं 90 प्रतिशत राशि बैंक लोन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। डेयरी योजना अन्तर्गत लिया गया ऋण चुकाए जाने पर राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाएगी।

 

जिला कलेक्टर ने बताया कि पशुपालक, गोपालक, कृषकों, नवयुवकों, महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए एवं उन्नत गौवंशों से पशुपालकों की आय बढा़ने के लिए कामधेनू डेयरी योजना में चयनित पशुपालकों को 30 गौवंश के लिए ऋण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सफल आवेदक को बैंक के माध्यम से ऋण प्रदान किए जाने के बाद डेयरी प्रबंधन एवं गौ उत्पादों के संबंध मेंं उन्हें प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन भी दिया जायेगा। लाभार्थी को इस क्षेत्र में कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक हैं। साथ ही डेयरी का संचालन स्थानीय निकाय के प्रतिबंधित सीमा क्षेत्र से बाहर किया जायेगा। 

 

संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जयपुर उम्मेद सिंह ने बताया कि कामधेनू डेयरी योजना के अन्तर्गत इच्छुक पशुपालक, गौपालक, कृषक, नवयुवक, महिलाओं को 30 जून 2020 तक निर्धारित प्रपत्र में कार्यालय संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग को आवेदन करना होगा। प्रथम चरण में देशी नस्ल की गायें जिनकी उम्र 5 वर्ष या दो ब्यांत (जो भी कम हो) होनी चाहिए एवं दुग्ध उत्पादन 10-12 लीटर प्रतिदिन होना चाहिए। प्रथम चरण में एक ही नस्ल की 15 दुधारू गाय एवं इसके 6 महीने बाद द्वितीय चरण में 15 देशी गौवंश क्रय करने होंगे। योजना के बारे में अधिक जानकारी एवं आवेदन पत्र विभाग की वेबसाइट www.gopalan.rajasthan.gov.in से डाउनलोड कर प्राप्त किए जा सकते हैं। 

 

 


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