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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

प्रवेश रोकने नहीं, व्यवस्थित आवागमन के लिए की गई सीमा सील - मुख्यमंत्री


जिन प्रवासियों को ई-पास जारी हो चुका उनके प्रवेश पर रोक नहीं...

 


 

जयपुर। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की दूसरे राज्यों के साथ सीमाओं पर प्रवासियों के प्रवेश को रोका नहीं गया है बल्कि अंतर-राज्यीय आवागमन को सुगम बनाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। जिन लोगों को ई-पास जारी हो चुके हैं, उनके राजस्थान में प्रवेश पर कोई रोक नहीं है। इसी प्रकार, राजस्थान में फंसे हुए अन्य राज्यों के प्रवासी भी भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अनुमति लेकर अपने स्थान पर जा सकते हैं। 

 

गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण से बचाव की स्थिति की नियमित समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाना और कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकना है। उन्होंने कहा कि अंतर-राज्यीय तथा अंतर-जिला एवं जिले के अंदर आवागमन को सुगम बनाने के लिए अनुमति देने की प्रक्रिया को अधिक बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शुक्रवार को ही स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी किया गया है। उन्होंने ई-पास की अनुमति के लिए जिला स्तर पर विशेष सैल बनाने के निर्देश दिए।

 

ज्ञातव्य है कि लॉकडाउन के तीसरे चरण के लागू होेने के समय राजस्थान के 10 जिले ग्रीन जोन में थे, जो संक्रमण बढ़ने से घटकर 2 रह गए हैं। इस कारण श्रमिकों एवं अन्य प्रवासियों के आवागमन की प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाया गया है। साथ ही, आपात स्थिति में राजस्थान में अंतर-जिला आवागमन के लिए कलक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी (एसडीएम) को पास जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। 


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