केवल 3 प्रतिशत ब्याज पर ऋण ले सकेंगे किसान, कम दामों पर नहीं बेचनी पडे़गी उपज

किसानों के हित में कृषि विपणन व्यवस्था हेतु मुख्यमंत्री ने किए कई अहम फैसले...

 


जयपुर। कोविड-19 महामारी के इस दौर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों को राहत देने के लिए लगातार महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। उन्होंने किसानों को फसल का बेहतर मूल्य दिलाने, खरीद के लिए सुगम एवं विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करने और उपज को रहन रखकर कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने जैसे कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को शुक्रवार को मंजूरी दी है।  

 

गहलोत ने कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रूपये का अनुदान देने का अहम फैसला किया है। इससे किसानों को अब अपनी उपज को रहन रखकर मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा, जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा। पहले राज्य सरकार द्वारा केवल 2 प्रतिशत ब्याज वहन किया जाता था।  

 

आमतौर पर बाजार में फसल आने के समय जिंसों के भाव कम होते हैं, लेकिन आवश्यकताओं की पूर्ति और संस्थागत ऋणों को चुकाने के लिए किसान कम दामों पर ही फसल बेचने को मजबूर हो जाते हैं। फसल नहीं बेचें तो जरूरी कार्यों के लिए उन्हें साहूकारों या बिचौलियों के पास अपनी उपज रहन रखकर ऊंची ब्याज दरों पर ऋण लेना पड़ता है। इन परिस्थितियों से बचाकर किसान को तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रूपये का अनुदान देने का यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।


योजना के तहत किसानों को उनके द्वारा रहन रखी गई उपज के बाजार मूल्य या समर्थन मूल्य, जो भी कम हो के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा तथा मूल्यांकित राशि की 70 प्रतिशत राशि रहन ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए 1.50 लाख तथा बड़े किसानों को 3 लाख रूपये तक का ऋण मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर मिल सकेगा। यह योजना किसानों के लिए बेहद उपयोगी होगी। वे अपनी कृषि उपज उचित भाव मिलने पर बेच सकेंगे। उन्हें यह सुविधा उनके ग्राम के समीप ही सुलभ हो सकेगी।

 

किसान को 90 दिवस की अवधि के लिए यह ऋण मिलेगा। विशेष परिस्थितियों में यह सीमा 6 माह तक हो सकेगी। निर्धारित समय में ऋण का चुकारा करने पर किसान को ब्याज अनुदान मिलेगा। किसानों की उपज को सुरक्षित करने के लिए इस योजना को ‘अ’ एवं ‘ब’ श्रेणी की उन ग्राम सेवा सहकारी समितियों में क्रियान्वित किया जाएगा जिनका नियमित ऑडिट हो रहा हो, लाभ में चल रही हो, एनपीए का स्तर 10 प्रतिशत से कम हो, सरप्लस रिसोर्सेज उपलब्ध हो तथा पूर्णकालिक व्यवस्थापक या सहायक व्यवस्थापक कार्यरत हो। इस योजना के तहत जीएसएस या लैम्पस के सभी ऋणी एवं अऋणी किसान सदस्य उपज रहन कर ऋण लेने के पात्र होंगे।

 

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