होम क्वारंटाइन की व्यवस्थाएं पुख्ता हों, सख्ती से कराएं पालना - मुख्यमंत्री


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के जिन जिलों में बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या अधिक है वहां क्वारंटाइन व्यवस्थाएं पुख्ता रखी जाएं और बाहर से आए लोगों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन किया जाए। होम क्वारंटाइन की सख्ती से पालना कराई जाए और इसका उल्लंघन करने वालों को संस्थागत क्वारंटाइन में भेज दिया जाए।

गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, उपखंड स्तरीय अधिकारियों, सीएमएचओ, ब्लॉक सीएमएचओ एवं तहसीलदारों से विभिन्न जिलों में भारी संख्या में प्रवासियों के आगमन के बाद कोविड-19 संक्रमण की वर्तमान स्थिति एवं क्वारंटाइन व्यवस्थाओं पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में प्रवासी अधिक संख्या में आ रहे हैं, वहां जिला स्तर पर जांच सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जाए। वे सभी जिले जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं और जिला स्तर पर टेस्टिंग फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है, वहां जल्द से जल्द जांच सुविधाएं विकसित की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन 4.0 में कंटेनमेंट जोन पर विशेष फोकस रखते हुए प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए और कफ्र्यू की सख्ती से पालना कराई जाए। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क पहनने की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

पेंशनर्स को समय पर दवाइयां

वीसी के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अभी प्रतिदिन 15 हजार की टेस्टिंग क्षमता है, जिसे इस माह के अंत तक बढ़ाकर 25 हजार प्रतिदिन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की मदद से होम क्वारंटाइन की व्यवस्थाएं पुख्ता की जाएं। जिन जिलों में बाहर से आ रहे प्रवासियों की संख्या अधिक है, वहां प्राथमिकता के आधार पर टेस्टिंग सुविधाएं बढ़ाई जाएं। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स को समय पर दवाइयां उपलब्ध हों यह सुनिश्चित किया जाए। क्वारंटाइन सेंटर्स पर टॉयलेट-बाथरूम की उचित सुविधा उपलब्ध हों इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने के साथ राजस्थान में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या जिन जिलों में अधिक है, वहां पॉजिटिव केस बढे हैं। अभी तक शहरों में सीमित कोरोना संक्रमण अब गांवों में पहुंचने लगा है जो हमारे लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि प्रभावी क्वारंटाइन व्यवस्थाओं के साथ स्क्रीनिंग एवं टेस्टिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को होम क्वारंटाइन में रखने पर फोकस किया जाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने कहा कि लॉकडाउन 4.0 में कंटेनमेंट जोन एवं कफ्र्यू वाले क्षेत्रों में किसी तरह की छूट नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि मॉल्स में केवल ऑफिस खोलने तथा शैक्षिणक संस्थानों में सिर्फ ऑफिस वर्क की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर्स पर सुरक्षा व्यवस्था में होमगार्ड एवं कम्यूनिटी पुलिसिंग से जुड़े लोगों की मदद ली जा सकती है।

पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के चौथे चरण में पुलिस का रोल एवं चुनौतियां दोनों अलग होंगे। इस चरण में पुलिस पर क्वारंटाइन का उल्लघंन करने वालों पर सख्ती बरतते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन में भेजने की जिम्मेदारी भी होगी।

प्रदेश में ठीक होने की दर 57 फीसदी

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि विभाग ने अभी तक 2 लाख 54 हजार 533 नमूने टेस्ट किए हैं। इनमें से 5845 पॉजिटिव पाए गए। 935 प्रवासी अभी तक पॉजिटिव पाये गए हैं। फिलहाल एक्टिव केस 2365 हैं और 3337 ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना से ठीक होने की दर 57 फीसदी है जो देश में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि मिशन लाइफ सेविंग (लिसा) के भी सकारात्मक परिणाम आए हैं। उन्होंने बाहर से आए प्रवासियों के पॉजिटिव पाये जाने पर उनके संपर्क में आए लोगों की जांच 5 से 10 दिनों के भीतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सर्दी, खांसी एवं जुकाम के लक्षण पाये जाने पर प्रवासियों को कोविड सेंटर भेजकर जांच कराई जाए।

राज्य स्तरीय क्वारंटाइन समिति की अध्यक्ष एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव, वीनू गुप्ता ने बताया कि क्वारंटाइन उल्लंघन के प्रयासों के 25920 मामले सामने आए हैं, उनमें से 98 प्रतिशत होम क्वारंटाइन उल्लंघन के हैं। उन्होंने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें एवं उनके आधार/जनआधार नम्बर भी लिए जाएं। 


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