आजीविका गंवाने वाले श्रमिकों के रोजगार के लिए बनाएं कार्ययोजना - मुख्यमंत्री
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूसरे राज्यों से राजस्थान लौटे श्रमिकों की श्रम शक्ति का उपयोग करने और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बाहर से आए जो श्रमिक वापस नहीं लौटना चाहते, उन्हें राजस्थान में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। श्री गहलोत ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों तक यह संदेश पहुंचना चाहिए कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में स्थानीय श्रमिकों के साथ-साथ उनके लिए भी चिन्तित है।
मुख्यमंत्री गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि करीब दो माह से भी अधिक लम्बे समय से चल रहे लॉकडाउन के कारण ये श्रमिक पहले ही पीड़ा झेल रहे है। आजीविका छूटने से उन पर दोहरी मार पड़ी है। ऎसे में जल्द से जल्द रोजगार से जोड़कर उन्हें सम्बल देना हमारी जिम्मेदारी है। इससे उद्योगों मेें श्रमिकों की मांग भी पूरी हो सकेगी।
बुजुर्गों को नया हेल्थ प्रोटोकॉल अपनाने केे लिए जागरूक करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का विपरीत असर हमारे सामाजिक जीवन पर पड़ा है। विशेषकर बुजुर्ग सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने और हेल्थ प्रोटोकॉल की वजह से घर से बाहर नहीं निकलने के कारण एकाकीपन महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इन लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने, इन्हें मास्क लगाने, डिस्टेसिंग अपनाने सहित नए हेल्थ प्रोटोकॉल के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के लिए विेशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए।
कोरोना एक्टिव केसेज की संख्या लगभग स्थिर
गहलोत ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि बीते पांच दिनों से राजस्थान में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या लगभग स्थिर है। गुरूवार तक प्रदेश में 7947 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं, जिनमें से 4566 लोग ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोरोना केसेज की संख्या 3202 है और संक्रमण के दोगुने होने की दर 18 दिन से भी अधिक है।
जिला स्तर पर अधिकारी करें संक्रमण की स्थिति की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण की स्थिति की नियमित समीक्षा करने के साथ ही स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कंटेमेन्ट जोन का निर्धारण करने के सम्बन्ध में निर्णय लें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में क्वारंटाइन केन्द्रों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर वहां सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
95 श्रमिक ट्रेनों से भेजे गए 1.35 लाख श्रमिक
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब तक 95 ट्रेनों के जरिये 1 लाख 35 हजार से अधिक श्रमिकों को अन्य राज्यों में भेजा गया है। इनमें 45 ट्रेनों के माध्यम से 64 हजार से अधिक श्रमिक बिहार भेजे गए हैं। इसी तरह 12 हजार 650 बस ट्रिप के माध्यम से 4 लाख 11 हजार यात्रियों को अब तक विभिन्न राज्यों से लाया एवं ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि मोक्ष कलश स्पेशल बसों के माध्यम से 744 लोगों को परिजनों के अस्थि विसर्जन के लिए भेजा गया है।
बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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