उद्योगों के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी, वर्चुअल कन्ट्रोल रुम स्थापित

थूकना निषिद्ध ! ध्रूमपान, गुटखा, पान मसाला आदि का प्रयोग भी वर्जित...



जयपुर। उद्योग विभाग ने राज्य में उद्योगों के संचालन, उद्यमियों व कार्मिकों के वाहनों एवं श्रमिकों के डेडिकेटेड वाहनों के पास जारी करने की व्यवस्था और प्रमुख शर्तों एव जानकारी का समावेश करते हुए विस्तृृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि दिशा-निर्देशाें के साथ ही उद्यमियों की सुविधा के लिए उद्योग भवन स्तर पर उद्योग विभाग व रीको के वरिष्ठ अधिकारियों का वर्चुअल कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त, कन्टेनमेंट जोन या हॉट स्पाट चिन्हित क्षेत्रों में उद्यमियों, कार्मिकों एवं श्रमिकों का आवागमन पूरी तरह निषिद्ध रहेगा। उन्होंने बताया कि क्षेत्र विशेष में जिला कलक्टर द्वारा विशेष आदेश पारीत किया जाता है तो वहां जिला कलक्टर का आदेश प्रभावी रहेगा।


डॉ.अग्रवाल ने बताया कि आवश्यक श्रेणी के कहीं भी स्थित अनुमत उद्योगों को अपनी गतिविधि संचालित करने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इस श्रेणी के उद्योगों को भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया की पालना करनी होगी। इस श्रेणी के नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका सीमा क्षेत्र के स्थित उद्योगों को संचालन के लिए श्रमिकों को डेडिकेटेड वाहन से आने की अनुमति होगी। लॉक डाउन अवधि के बाद उद्योग के पहली बार आरंभ होने की स्थिति में उद्यमी, कार्मिक एवं श्रमिकाें के लिए पास प्राप्त करना होगा।


डॉ.अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका सीमा के बाहर ग्रामीण क्षेत्र में रीको औद्योगिक क्षेत्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र, ईपीआईपी या निर्यातोन्मुखी इकाइयां, विशेष उत्पाद के औद्योगिक पार्क और निजी औद्योगिक क्षेत्र में या इनसे बाहर स्थापित उद्योगों को अपनी गतिविधियों के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों की पालना के साथ ही ऎसे उद्योगों में नगर निगम, नगर पालिका या नगर परिषद सीमा से इकाई में पंहुचने की स्थिति में श्रमिकों को आने जाने की अनुमति नहीं होगी। उनको एक बार ही इकाई तक डेडिकेटेड वाहन से ले जाकर रहने की व्यवस्था इकाई में ही करनी होगी।


उन्होंने बताया कि रीको औद्योगिक क्षेत्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र, ईपीआईपी या निर्यातोन्मुखी इकाइयां, विशेष उत्पाद के औद्योगिक पार्क यथा फूड, मसाला, आईटी आदि और निजी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उद्योगों के परिसरों में पहुंच नियंत्रण में हो, श्रमिकों को उद्योग परिसर के भीतर या उद्योग के निकटवर्ती भवन में रहने की व्यवस्था करनी होगी।


डॉ.अग्रवाल ने बताया कि उद्यमियों एवं श्रमिकों के लिए डेडिकेटेड वाहन पास जारी करने की आनलाइन या मोबाइल एप से व्यवस्था करते हुए वाहन पासों की अधिकतम सीमा तय की गई है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को दोपहिया या चौपहिया वाहन के दो पास, मध्यम श्रेणी के उद्यमों के लिए दोपहिया या चौपहिया वाहन के तीन पास और बड़े व मेगा श्रेणी के उद्योगों के लिए दोपहिया या चौपहिया वाहन के पांच पास जारी किए जा सकेंगे। राज्य की सीमा से बाहर रहने वाले उद्यमियों अथवा महाप्रबंधकों के पास रीको या जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारी जारी नहीं कर सकेेंगे।


उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों से आग्रह किया कि केन्द्र व राज्य सरकार की एडवायजरी और स्वास्थ्य मानकों की शतप्रतिशत पालना सुनिश्चित करते हुए मास्क, सेनेटाइजर, हाथ-धोने के लिए साबुन, परिसर में साफ-सफाई जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं अनिवार्य रुप से की जाएं। इसके साथ ही किसी भी कार्मिक के जुखाम, बुखार, खांसी या अन्य परेशानी पर तत्काल चिकित्सकीय सुविधा के साथ ही प्रशासन को भी अवगत कराया जाए। सभी व्यक्तियों को मास्क पहनना अनिवार्य और थूकना निषिद्ध होगा। ध्रूमपान, गुटखा, पान मसाला आदि का प्रयोग भी वर्जित रहेगा। उन्होंने बताया कि लाकडाउन के प्रावधानों के उल्लंघन पर उस इकाई को सीज करने के साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दण्ड संहिता के धाराओं के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।


आयुक्त ने बताया कि अनुगत श्रेणी की उद्योगों में दवाइयां, औषधीय चिकित्सा उपकरण, इनके कच्चे माल तथा इनके मध्यवर्ती उत्पाद इकाइयां, तेल मिल, चावल मिल, आटा/दाल चक्की आदि सहित आवश्यक वस्तु एवं सभी प्रकार के खाद्य सामान एवं मध्यवर्ती उत्पाद इकाइयां, कन्टिन्यूअस प्रोसेेस की आवश्यकता वाली इकाइयां, कोयला, खनिज उत्पादन, खानों का संचालन के लिए विस्फोटक एवं आनुषंगिक गतिविधियों वाले उद्योग, केमिकल कारखाने उस समय तक जब तक कि उनका वर्तमान उत्पादन चक्र समाप्त नहीं हो जाता, खेत जोतने से संबंधित मशीनरी एवं उपकरण, स्पेयर पार्टस की उत्पादन इकाइयां एवं आपूर्ति श्रृृंखला के सभी आइटम, खाद बीज कीटनाशक उत्पादन इकाइयां तथा आपूर्ति श्रृखला, कच्चा माल एव मध्यवर्ती संबंधित इकाइयां, पशुआहार एवं मुर्गी दाना आदि की उत्पादन इकाइयां एवं कच्चा माल तथा सप्लाई श्रृृंखला से संबंधित अन्य सामान, उपरोक्त सभी उद्योगों के पैकेजिंग सामान उत्पादन करने वाली इकाइयां तथा अन्य आइटमों के लिए जो इस अनुमत श्रेणी के है, इसके साथ ही एम्बूलेंस निर्माण, बॉडी बिल्डिंग एवं किसी भी प्रकार के चिकित्सा वाहन, खादी सहित कुटीर व घरेलू उद्योग, तेल एवं गैस का उत्खनन, परिष्करण, रिफाइनरी, सूचना तकनीक के हार्डवेयर निर्माण और ईंट भटटे आदि शामिल हैं।


अग्रवाल ने बताया कि उद्योग भवन स्तर पर गठित वर्चुअल कंट्रोल रुम में उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक अविन्द्र लढ्डा 9829368001, आरके आमेरिया, एसएस शाह 9414320421, पीआर शर्मा 9414076857 और संजय मामगेन 9414044015 हैं। रीको से एडवाइजर इन्फ्रा  पुखराज सेन 9414325943,राजेन्द्र शर्मा एडवाइजर रीको 73400567834 एवं अजय गुप्ता मैनेजर लॉ 9414012781 प्रभारी अधिकारी है। कंट्रोल रुम के विभाग व रीको के अधिकारी समन्वय का कार्य करेंगे।


 


Comments

Popular posts from this blog

धरी रह गई बस मालिक की चालाकी, उच्च न्यायालय का निर्णय बना सड़क सुरक्षा की नई '"नजीर"

राष्ट्र के उत्थान में महिलाएं निभा रही है विशेष भूमिका - शर्मा

सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती