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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

राजस्थान में 647 आटा, दाल, तेल, मसाला मिलों में उत्पादन जारी - मीणा


जयपुर। प्रदेश के उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि राज्य में 647 आटा, बेसन, दाल, तेल और मसाला मिलों में उत्पादन कार्य चालू होने के साथ ही प्रभावी सप्लाई चैन के चलते प्रदेश में आटा-दाल, तेल और मसाला आदि की उपलब्धता व्यवस्था को चाक चौबंद किया जा चुका है उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुज्ञेय औद्योगिक इकाइयों को अनुमति, पास आदि जारी करना आसान बनाने से अब जिला उद्योग केन्द्रों और रीको द्वारा अनुमति जारी करने के काम में भी तेजी आई है।


उद्योग मंत्री मीणा ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल, आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल, रीको एमडी आशुतोष पेडनेकर अपनी पूरी टीम के साथ नियमित मोनेटरिंग करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने के साथ ही सकारात्मक हल निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन से उद्योग जगत प्रभावित हुआ है पर राज्य सरकार ने जिस तरह से लॉक डाउन के साथ ही आटा, दाल, तेल, मसाला आदि मिलों को चालू रखने का निर्णय किया और उसके बाद अनुज्ञेय श्रेणी के उद्यमों को अनुमति जारी करने की व्यवस्था को सरल बनाया उसके अच्छे परिणाम आए हैं और उद्योग जगत ने भी राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा है। औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों और श्रमिकों के वेतन भुगतान के निर्देश से बड़ी राहत दी है।


एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अनुज्ञेय श्रेणी के उद्योगों को संचालन की अनुमति के साथ ही स्वास्थ्य मानकों की पालना सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के सरलीकरण का ही परिणाम है कि राज्य में रीको व जिला उद्योग केन्द्रोें द्वारा अकेले 2 अप्रेल को ही एक दिन में ही 120 इकाइयों को अनुमति प्रदान की है। उन्होंने बताया कि 2 अप्रेल तक आटा, तेल, दाल मिलों के अलावा प्रदेष में कुल मिलाकर 275 इकाइयों को संचालन की अनुमति दे दी है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अनुमति आदेषों में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवायजरी की शतप्रतिषत पालना पर जोर दिया जा रहा है वहीं न्यूनतम कार्मिकों से उत्पादन करने, रहने, जीवन यापन की व्यवस्था, सोषियल डिस्टेंस, संपर्क रहित व्यवस्था, मास्क, सेनेटाइजर, फयूमिगेशन, पोंछा आदि की व्यवस्था सुनिष्चित करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है।


आयुक्त उद्योग मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश मेें 647 आटा, दाल, तेल, मसाला मिलें उत्पादनरत है। उन्होंने बताया कि इनमें 219 आटा मिलें, 120 दाल मिलें, 247 तेल मिलें और 70 मसाला मिलें चालू है और इनमें उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ मिलों में तो आटा दाल मिलें तो कुछ में आटा मसाला मिलें यानी के एक से अधिक उत्पादन हो रहा है। अधिकांष आटा मिलों में आटा, बेसन, सूजी, दलिया, मैदा आदि तैयार हो रहा है। आयुक्त अग्रवाल ने बताया कि प्राप्त आवेदनों पर छह घंटें में फैसला करने के निर्देशी का परिणाम है कि 2 अप्रेल से निर्णयों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि जिला उद्योग केन्द्रोें व रीको द्वारा अब तक 1642 कार्मिकों व श्रमिकों के पास जारी किए गए हैं वहीं जिले में काम करने के लिए 41 वाहनों के पास, अंतरराज्यीय 13 और अन्य राज्य से बाहर के लिए 3 अनुमति पास जारी किए जा चुके हैं।


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