जयपुर को कोरोना मुक्त करने के लिए युद्ध स्तर पर करें काम - मुख्यमंत्री


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए जयपुर में युद्ध स्तर पर काम किया जाए। उन्होंने कहा कि यह ऎसी महामारी है जिसका आकलन करना बहुत मुश्किल है, ऎसे में हर परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए ऎसी व्यवस्थाएं करें कि इस चुनौती से हम सफलतापूर्वक निपट सकें। 


गहलोत मंगलवार को जयपुर में कोरोना संक्रमण को लेकर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों में कोई कमी नहीं रख रही है। अधिकारी मिशन के साथ जयपुर को कोरोना मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ें।मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारेंटाइन के लिए अधिक से अधिक स्थान चिन्हित कर वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएं। जेडीए तथा हाउसिंग बोर्ड इन स्थानों पर बिजली-पानी, बिस्तर, भोजन सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था जल्द से जल्द करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहां लोगों को क्वारेंटाइन किया जा सके। उन्होंने कहा कि चारदीवारी में जिन 13 क्षेत्रों में संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आए हैं, वहां विशेष फोकस किया जाए। 


मामले बढ़े हैं, कफ्र्यू को और सख्ती से लागू करना होगा। साथ ही राशन एवं खाद्य सामग्री के वितरण की व्यवस्था को अधिक मजबूत बनाया जाएगा।


प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा ने बताया कि चारदीवारी के 13 ब्लॉक ऎसे हैं जिनमें 321 पॉजीटिव केस सामने आए हैं। पूरी मुस्तैदी के साथ इन क्षेत्रों में सघन सैम्पलिंग की जा रही है। इन एरिया को सील कर दिया गया है। ई-रिक्शा के माध्यम से सूखी राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। 


जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त टी रविकांत ने बताया कि शहर के लिए 20 हजार लोगों को क्वारेंटाइन कर सकने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए बड़े शैक्षणिक संस्थानों, छात्रावासों, आवासीय योजनाओं के खाली फ्लैट्स सहित अन्य स्थानों को चिन्हित कर वहां सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। आवासन आयुक्त श्री पवन अरोड़ा ने बताया कि महला एवं नायला में क्वारेंटाइन के लिए 5 हजार से अधिक कमरों की व्यवस्था की जा रही है। 


इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, अति. मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह, प्रमुख शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अखिल अरोरा, पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव, जिला कलक्टर जोगाराम, नगर निगम आयुक्त वीपी सिंह, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पवार तथा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी भी उपस्थित थे। 


प्रवासी मजदूरों के लिए व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रहे


मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए प्रदेश में राशन एवं खाद्य सामग्री के वितरण की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अटके हुए प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन एवं अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में किसी तरह की कमी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि भोजन एवं राशन सामग्री वितरण के दौरान किसी प्रकार की फोटोग्राफी उचित नहीं है। श्री गहलोत ने कहा कि भोजन एवं राशन उपलब्ध कराने के लिए अधिक से अधिक भामाशाहों को प्रेरित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि गरीबों, रिक्शा चालकों, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूराें, निराश्रित एवं असहाय लोगों को अनुग्रह राशि का वितरण सुनिश्चित किया जाए। 


खाद्य एवं उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि एनएफएसए के तहत अप्रेल माह के पूरे गेहूं का वितरण किया जा चुका है। मई महीने के गेहूं का 90 प्रतिशत उठाव राशन डीलर द्वारा कर लिया गया है। 


इस अवसर पर अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सिद्धार्थ महाजन भी उपस्थित थे। 


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