कोविड 19 का मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ की बातचीत
पीएम ने लगातार सतर्कता के महत्व को दोहराया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और COVID -19 से निपटने के उपायों पर चर्चा की।
एकजुट होकर चुनौती का सामना करना
प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी का खतरा सभी राज्यों के लिए एक समान है। उन्होंने केंद्र और सभी राज्यों के एक साथ काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि चुनौती से निपटने के लिए नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है, लेकिन भय से बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में वायरस के प्रसार के वैश्विक संदर्भ को देखते हुए, निरंतर सतर्कता सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयासों में अगले 3-4 सप्ताह महत्वपूर्ण हैं, और रोकथाम के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय है 'सामाजिक दूरी' यानी सोशल डिस्टेंसिंग। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से इसी मंत्र को प्रभावकारी ढंग से लागू करने की पक्की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।
अब तक उठाए गए कदम
भारत सरकार की स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीति सूदन ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी और बताया कि प्रधानमंत्री ने अब तक के प्रयासों की व्यक्तिगत रूप से कैसे निगरानी और पर्यवेक्षण किया है। उन्होंने राज्यों के साथ सहयोग, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी, प्रसार को ट्रैक करने के लिए सामुदायिक निगरानी का उपयोग, परीक्षण सुविधाओं का साजो-सामान जुटाना, यात्रा प्रतिबंध और विदेशों से भारतीय नागरिकों की वापसी के उपायों की जानकारी दी।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि भारत वर्तमान में वायरस के प्रसार के चरण 2 में है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में भारत चरण 3 के प्रसारण के जोखिम को कम करने के लिए कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के विवेकपूर्ण उपयोग और आइसोलेशन सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।
मुख्यमंत्रियों ने कहा
मुख्यमंत्रियों ने COVID -19 का मुकाबला करने में केंद्र द्वारा राज्यों को दिए गए समर्थन के लिए प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश के प्रभाव की सराहना की।
मुख्यमंत्रियों ने अब तक की गई तैयारियों के बारे में प्रधानमंत्री और अन्य लोगों को जानकारी दी। अपनी प्रस्तुतियों के दौरान, उन्होंने परीक्षण सुविधाओं में वृद्धि, कमजोर वर्गों को अधिक सहायता, राज्यों को 2020-21 के लिए वित्तीय संवितरण में प्रगति और बड़ी संख्या में निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों के बीच तालमेल बढ़ाने का अनुरोध किया।
सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने समर्थन का आश्वासन दिया और पुष्टि की कि सभी राज्य महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे।
प्रधानमंत्री ने राज्यों को सहायता का भरोसा जताया
प्रधान मंत्री ने राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और अपने अनुभव साझा करने और सुझाव देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने हेल्थकेयर श्रमिकों की क्षमता निर्माण और हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में व्यापार निकायों के साथ कालाबाजारी और अनुचित मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे जहां भी आवश्यक हो, अनुनय की नरम शक्ति और कानूनी प्रावधानों का उपयोग करें।
प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा गठित कोविड 19 आर्थिक कार्य बल प्रभावी रूप से आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए उपयुक्त दृष्टिकोण विकसित करने की रणनीति तैयार करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं और देश में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सुझावों का पालन किया जाए। कोविड 19 से लड़ने के लिए हमारे साझा प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए।
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