खेल बजट में 50 करोड़ की बढ़ोतरी, लेकिन प्रोत्साहन राशि में 37% तो साई के बजट में 19% की कटौती
खेल डेस्क. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खेल बजट में पिछले साल के मुकाबले 50 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की है। लेकिन खिलाड़ियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में 37%, तो भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई के बजट में 19 फीसदी की कटौती की है। पिछले वित्त वर्ष में खिलाड़ियों को इंसेंटिव देने के लिए 111 करोड़ का बजट था, जिसे अब घटाकर 70 करोड़ किया गया है। साई के बजट में भी कटौती की कैंची चली है। पिछले बजट में इसके लिए 615 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 500 करोड़ है।
खेल मंत्रालय को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 2826.92 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जबकि वर्ष 2019-20 के संशोधित बजट में यह आवंटन 2776.92 करोड़ रुपए था। हालांकि, खेलो इंडिया के बजट में सरकार ने भारी इजाफा किया है। पिछले वित्त वर्ष में जहां इसके लिए 578 करोड़ रुपए रखे गए थे। वहीं, 2020-21 के लिए इसे बढ़ाकर 890 करोड़ किया गया है यानी 312 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इसे पूरा करने के लिए ओलिंपिक साल होने के बावजूद कई दूसरे मदों में कटौती की गई है।
एनएसएफ के बजट में 55 करोड़ की कटौती
राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के बजट में सबसे ज्यादा कटौती की गई है। इस बार सरकार ने इसके लिए 245 करोड़ रुपये दिए हैं, जो पिछली बार से 55 करोड़ रुपए कम हैं।
खेल बजट से जुड़ी अन्य अहम बातें
- खिलाड़ियों के नेशनल वेलफेयर फंड के बजट में कोई बदलाव नहीं। इस बार भी उसका बजट 2 करोड़ रखा गया।
- जम्मू कश्मीर में खेल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 50 करोड़ का प्रावधान।
- लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल एजुकेशन को पिछली बार की तुलना में 5 करोड़ ज्यादा मिले। इसका कुल बजट 55 करोड़ हुआ।
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