कंपनियां नहीं दिखा रही हैं रुचि, चौथी बार फिर मांगे आवेदन

जयपुर. प्रदेश में करोड़ों के स्वास्थ्य बीमा के भुगतान और क्लेम बिल रोकना का विवाद इतना बढ़ चुका है कि सरकार को 2 साल के प्रोजेक्ट के नए आवेदन के लिए चौथी बार तिथि आगे बढ़ानी पड़ी। पिछले डेढ़ माह से पुरानी कंपनी को बाहर करने और नई कंपनी को पूरे राजस्थान के करीब 1.10 करोड़ परिवारों के स्वास्थ्य बीमा क्लेम पास करने की जिम्मेदारी के लिए आवेदन मांगने का खेल चल रहा है। 



टेंडर भी ऑनलाइन मांगे जा रहे हैं, लेकिन सरकार को भय है कि कहीं पुरानी कंपनी के अलावा कोई नई कंपनी नहीं आई तो सरकार को मजबूरन उसी को फिर 2 साल के लिए काम देना पड़ेगा। पहले से 2015 से न्यू इंडिया एस्योरेंस कंपनी (एनआईए) की स्वास्थ्य बीमा का काम देख रही है। नई कंपनी के चयन की बिड बार बार आगे बढ़ाने से सरकार न तो एनआईए को बाहर कर पा रही है न नई कंपनी का चयन हो पा रहा है लिहाजा शर्तों के अनुसार पुरानी का कार्यकाल ही एक-एक माह आगे बढ़ाने की बाते की जा रही है।


गौरतलब है कि हर साल करीब 900 से 1100 करोड़ रुपए आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से जनता के नि:शुल्क इलाज, जांच पर खर्च किए जाते हैं, जिसके सारे अस्पतालों के बिल स्वास्थ्य बीमा धारक कंपनी पास करती है। पहले भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में करीब 90 लाख परिवार जुड़े थे, एक सितंबर से उसमें आयुष्मान भारत के भी परिवार मिला दिए, इस कारण कुल बीमित परिवार 1.10 करोड़ हो गए। केंद्र की योजना की पूर्व से तय गाइड लाइन में ही पांच लाख रुपए तक के सालाना स्वास्थ्य बीमा क्लेम का प्रत्येक व्यक्ति को अधिकार है। 


इस तरह बढ़ी तिथि दर तिथि- 


प्रथम: नई कंपनी के लिए 11 नवंबर तक आवेदन मांगे, 20 को निविदा खोली जानी थी
द्वितीय: 25 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे, 26 नवंबर को निविदा खोली जानी थी
तृतीय: नई कंपनी से 2 दिसंबर तक आवेदन मांगे, 3 दिसंबर को बिड खोली जानी थी
चतुर्थ: अब नई तिथि के तहत 16 दिसंबर तक आवेदन मांगे, 17 को बिड खोली जानी है


क्यां पांचवीं बार भी तिथि बढ़ेगी


चार बार तारीख पर तारीख दी इससे लगता है, अभी तक सरकार को भरोसा नहीं है कि पर्याप्त आवेदन आए हैं। 17 दिसंबर तक हालात को देखते हुए लगता है पूरा महीना ही तिथियां बढ़ाने में लगा देंगे। पांचवीं बार भी आवेदन मांगे जा सकते हैं। ऑनलाइन व्यवस्था से बिडिंग के कारण अफसर असमंजस में हैं और बार बार तिथि बढ़ाई जा रही है।


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